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दागिस्तान में चर्च और पुलिस चौकी पर ताबड़तोड़ गोलीबारी; पादरी समेत 15 की मौत

 दागिस्तान

 रूस के दागिस्तान में रविवार को उस वक्त चीख-पुकार मच गई, जब वहां के एक प्रार्थनाघर, एक रूढ़िवादी चर्च और एक पुलिस चौकी पर बंदूकधारियों ने हमला बोल दिया, जिसमें कम से कम 7 पुलिस अधिकारी मारे गए. दागिस्तान में आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी. पुलिस इस घटना को अलगाववादी हिंसा के तौर पर देख रही है. पुलिस ने हमले में शामिल दो आतंकवादियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.

रॉयटर्स से मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थना घर और चर्च दोनों ही दागिस्तान के डर्बेंट शहर में स्थित हैं. यह मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल उत्तरी काकेशस का इलाका है, जहां प्राचीन यहूदी समुदाय के लोग रहते हैं. आतंकियों ने दागिस्तान की राजधानी माखचकाला में पुलिस चौकी पर भी हमला बोला, जो यहां से लगभग 125 किलोमीटर (75 मील) दूर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले के बाद प्रार्थना घर में आग लग गई और चर्च से भी धुआं उठता हुआ दिखाई दिया.

डर्बेंट में चर्च पर हुए हमले में 66 वर्षीय एक ऑर्थोडॉक्स पादरी की मौत हो गई. इससे पहले, एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने दावा किया था कि हमलावरों ने उनका गला काट दिया था. डर्बेंट में पुलिस अधिकारियों पर हमला वीडियो में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर साझा किया गया. क्लिप में तेज़ गोलियों की आवाज़ सुनी जा सकती है, जिसमें कई पुलिस कारें सड़क पर खड़ी देखी जा सकती हैं. अधिकारी हमलावरों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सेंट्रल डर्बेंट में अभी भी गोलियों की आवाज़ सुनी जा सकती है. स्थानीय अधिकारी कथित तौर पर अभी भी ऑर्थोडॉक्स चर्च के पास हमलावरों के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं.

रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार देश के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि दो हमलावरों को गोली मार दी गई है. डर्बेंट में हमलावरों को पहले एक कार में भागते हुए देखा गया था. दागिस्तान के प्रमुख सर्गेई मेलिकोव ने कहा, ‘रविवार रात डर्बेंट और माखचकाला में अज्ञात लोगों ने सार्वजनिक स्थिति को अस्थिर करने का प्रयास किया. दागिस्तान के पुलिस अधिकारी उनके रास्ते में खड़े थे. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनमें से कुछ हताहत हुए हैं. सभी सेवाएं निर्देशों के अनुसार काम कर रही हैं… हमलावरों की पहचान की जा रही है.’

सूत्रों ने बताया कि दागिस्तान हाल के वर्षों में हिंसा कम हो गई थी. इस क्षेत्र में कभी भी उस तरह का संघर्ष नहीं हुआ जैसा कि पड़ोसी रूसी गणराज्य चेचन्या में हुआ, जहां रूसी सेना और अलगाववादियों ने एक ही समय दो क्रूर युद्ध लड़े थे. बताया जा रहा है कि यह हमला धर्म की आड़

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