चीन की पांच दिवसीय राजनयिक यात्रा से लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा- ’15 मार्च तक मालदीव से अपने सैनिकों को हटाए भारत’
माले
चीन की पांच दिवसीय राजनयिक यात्रा से लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर भारत को लेकर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। मुइज्जू सरकार ने एक बार फिर से पुराना राग अलापते हुए भारत से मार्च के मध्य तक मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। बकौल रिपोर्ट, राष्ट्रपति कार्यालय ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से 15 मार्च तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा है। जिनकी अनुमानित संख्या 88 है। उन्होंने कहा, सैनिकों की वापसी पर बातचीत के लिए दोनों देशों द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय कोर ग्रुप ने रविवार सुबह माले में एक बैठक की। इस बैठक में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति कार्यालय के सचिव सार्वजनिक नीति अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने कहा कि बैठक का एजेंडा मार्च के मध्य तक सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध था। भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में नहीं रह सकते। यह राष्ट्रपति मुइज्जू और इस प्रशासन की पॉलिसी है।
भारत-मालदीव के बीच बातचीत शुरू
माले में भारतीय उच्चायुक्त के अधिकारियों ने रविवार को मालदीव विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। स्थानीय अखबार सनऑनलाइन इंटरनेशनल के मुताबिक, मालदीव और भारत के बीच मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी को लेकर आधिकारिक बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की ओर से कथित बैठक को लेकर अबतक कोई बयान सामने नहीं आया।
अखबार ने राष्ट्रपति के रणनीतिक संचार कार्यालय के मंत्री इब्राहिम खलील के हवाले से बताया कि यह बैठक उच्चस्तरीय कोर ग्रुप की थी जिसे मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दिसंबर में कॉप 28 के मौके पर हुई बैठक के दौरान मालदीव और भारत स्थापित करने पर सहमत हुए थे।
बकौल रिपोर्ट, राष्ट्रपति मुइज्जू ने चुनावी कैंपेन के दौरान दावा किया था कि वह मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने का काम पूरा करेंगे और पद संभालने के तत्काल बाद उन्होंने भारत से अपने सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था। इससे पहले राष्ट्रपति मुझज्जू ने अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा से लौटने के बाद भारत का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उनका देश छोटा भले है, लेकिन किसी को धमकाने का लाइसेंस नहीं मिलता।