मीटिंग में शामिल न करने पर सीएम ममता ने जताई नाराजगी, मोदी और शेख हसीना में हुई तीस्ता पर बात
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल दिल्ली में शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्ता में तीस्ता वार्ता में उन्हें शामिल नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज हैं. शेख हसीना और पीएम मोदी ने शनिवार को फरक्का समझौते के नवीनीकरण पर फैसला लिया. फरक्का में गंगा के पानी के बंटवारे पर बांग्लादेश और भारत के बीच फरक्का समझौता 2026 में समाप्त होगा.
पश्चिम बंगाल को क्यों नहीं किया शामिलः सीएम ममता
सीएम ममता बनर्जी ने यह मुद्दा उठाया है कि बातचीत के दौरान पश्चिम बंगाल को क्यों छोड़ दिया गया. ममता इसके लिए जल्दी ही पीएम को विरोध पत्र भेज सकती हैं. टीएमसी सांसद आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे. टीएमसी इस मुद्दे पर भारत के सहयोगियों से बातचीत कर रही है.
शेख हसीना 21 जून को आई थीं भारत
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 21 और 22 जून को भारत की राजकीय यात्रा पर आई थीं. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पहले से ही घनिष्ठ रणनीतिक संबंधों को और ज्यादा मजबूत करना रहा. 18वें लोकसभा चुनाव के बाद भारत में सरकार बनने के बाद यह पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा रही.
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में भी हुई थीं शामिल
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय परामर्श के अलावा प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की. इसके साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से मुलाकात भी हुई. प्रधानमंत्री शेख हसीना उन अंतरराष्ट्रीय नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने 09 जून 2024 को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था.
तीस्ता जल समझौते पर बात
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच शनिवार (22 जून) को लंबी बातचीत के बाद कई समझौतों को अंतिम रूप दिया गया. इस दौरान भारत ने बांग्लादेश को तीस्ता नदी के संरक्षण वाले प्रोजेक्ट में अपनी रुचि दिखाई है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का एक तकनीकी दल जल्द ही तीस्ता प्रोजेक्ट को लेकर ढाका का दौरा करेगा. तीस्ता नदी भारत और बांग्लादेश के बीच 54 नदियों में से एक है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि साझा जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है. उन्होंने आगे कहा, “दोनों नेताओं ने तीस्ता के संरक्षण पर चर्चा की, जिसके लिए उचित तकनीकी प्रबंधन की आवश्यकता है. दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि एक भारतीय तकनीकी टीम इस पर काम करने की पहले करेगी."