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राजस्थान की भजनलाल सरकार ने फर्जी डिग्री मामले में सात विश्वविद्यालयों की करवाई जांच

जयपुर.

फर्जी डिग्री मामले में भजनलाल सरकार ने प्रदेश की सात यूनिवर्सिटीज के खिलाफ जांच बैठा दी है। इस मामले में यूजीसी देश के 15 विश्वविद्यालयों की जांच शुरू की थी, जिसमें तीन राजस्थान की भी थी। हालांकि, यूजीसी की तरफ से बयान आया था कि फर्जी डिग्री मामले में राजस्थान सरकार की तरफ से यूजीसी को नाम नहीं भेजे गए। गौरतलब है कि राजस्थान में सरकारी भर्तियों में बड़ी संख्या में प्राइवेट विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां सामने आई हैं।

राजस्थान में आरपीएससी और अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की तरफ से भी राज्य सरकार को इस मामले में पत्र लिखे गए थे। उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक, जांच के दायरे में चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, झुंझुनूं की सिंघानिया यूनिवर्सिटी, जयपुर की निर्वाण यूनिवर्सिटी, नीमराना की रैफल्स यूनिवर्सिटी, सिरोही की माधव यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है।

यूनिवर्सिटी की जांच के लिए अलग-अलग कमेटी
राज्य सरकार की तरफ से इन प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की जांच के लिए अलग-अलग चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। यह जांच कमेटी फर्जी डिग्री, बिना मान्यता के कोर्स चलाने के अलावा नियम विरुद्ध पीएचडी कराने वाली शिकायतों की जांच करेगी। इन सात यूनिवर्सिटीज में से रैफल्स यूनिवर्सिटी, माधव यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के जांच के लिए यूजीसी ने राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है।

पीएचईडी मामलों की जांच के निर्देश
पत्र के जरिए पीएचडी के मामलों की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दें कि बीते दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने एक पब्लिक नोटिस के जरिए छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में बताया गया है कि राजस्थान में अब तक 53 निजी विश्वविद्यालय खुल चुके हैं और कई निजी विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लग चुका है, जिनकी जांच प्रक्रिया लंबित है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार ने यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में बताया गया है, राजस्थान में एसओजी और पुलिस की तरफ से कई निजी विश्वविद्यालयों के फर्जी डिग्री बांटने का भंडाफोड़ किया जा चुका है। इस मामले में कई लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं। साथ ही आरपीएससी की तरफ से डिग्रियों के जांच सत्यापन में भी फर्जी डिग्री बांटने का भंडाफोड़ हो चुका है।

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