झारखंड में महिलाओं के अकाउंट में हर महीने एक हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे: चंपाई सोरेन
रांची
झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के तहत झारखंड में महिलाओं के अकाउंट में हर महीने एक हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकार की योजना से राज्य की 38-40 लाख महिलाओं को फयदा मिलने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि झारखंड सरकार जल्द ही पश्चिम बंगाल की 'लक्ष्मी भंडार' पहल की तर्ज पर महिलाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाएगी। जानकारी के मुताबिक इस योजना का नाम 'मुख्यमंत्री बहन बेटी स्वाबलंबन योजना' रखा गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिलाओं को योजना के तहत प्रति माह 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी लेकिन इसके लिए वित्त विभाग और कैबिनेट से मंजूरी की जरूरत है। उधर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने गुरुवार को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि 25 से 50 वर्ष आयु वर्ग की सभी वर्ग की गरीब एवं जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की अद्यतन कार्य प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में जल्द ‘मुख्यमंत्री बहन बेटी स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना’ की शुरुआत करें।
किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 25 से ऊपर और 50 वर्ष से कम उम्र के सभी वर्ग समुदाय की गरीब जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार झारखंड प्रदेश की महिलाओं की बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार, महिला सशक्तिकरण और परिवार में महिलाओं की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस योजना के लिए बैठक में मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों को योजना के लिए जल्द से जल्द एक पोर्टल तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को सभी तैयारियां युद्ध स्तर पर करने का निर्देश दिया है ताकि योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक निर्धारित समय सीमा के भीतर पहुंच सके। इससे पहले इस साल जनवरी में झारखंड कैबिनेट ने अपनी वृद्धावस्था पेंशन योजना में 50 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। पहले 60 साल से ऊपर वालों को योजना का लाभ मिलता था, जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 1,000 रुपये दिए जाते हैं।