छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के समक्ष किया प्रदर्शन, एनटीए को निरस्त करने की मांग
नई दिल्ली
यूजीसी नेट में पाई गई विसंगतियों और उसके बाद इसे रद्द किए जाने के खिलाफ सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में आए छात्र एनटीए को समाप्त करने और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मुताबिक नीट में घोटाले के प्रकाश में आने के तुरंत बाद यूजीसी नेट परीक्षा में यह सब हुआ है। यह एनटीए की निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षा आयोजित करने की क्षमता के बारे में चिंताओं को उजागर करता है। कथित यूजीसी-नेट घोटाला एजेंसी के इर्द-गिर्द कई विवादों के बाद हुआ है, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक होना भी शामिल है। इन घटनाओं ने न केवल छात्रों के लिए तनाव और चिंता पैदा की है, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है।
एसएफआई दिल्ली की अध्यक्ष आइशी घोष के मुताबिक ऐसा लगता है कि एनटीए के तहत पेपर लीक और धोखाधड़ी एक आम बात हो गई है। एनटीए की बार-बार विफलताओं के कारण एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को अपनी अक्षमता के कारण इस्तीफा देना चाहिए।
जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष अविजित घोष ने कहा कि एनटीए की स्थापना के बाद से ही वे पूरी शिक्षा प्रणाली का मजाक बना रहे हैं। एनटीए इन परीक्षाओं के संचालन में पूरी तरह से अक्षम रहा है, जैसे कि नीट में पेपर लीक, सीयूईटी में विसंगतियां और अब यूजीसी नेट 2024 से स्पष्ट है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नेट रद्द होने से इस साल बड़ी संख्या में छात्रों के पीएचडी प्रवेश की संभावना भी खतरे में पड़ जाएगी। विश्वविद्यालयों को पीएचडी पदों के लिए नेट को मानदंड बनाए बिना अलग से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इन बार-बार की विफलताओं से निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षाओं की गारंटी देने की एनटीए की क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है।
छात्रों का कहना है कि हममें से बहुत से लोगों ने नेट की तैयारी के लिए संघर्ष किया है और अब कुछ लोगों की अक्षमता के कारण अनगिनत छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यूजीसी नेट से जुड़ी कथित अनियमितताओं की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की जाए। हम एनटीए को परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी से मुक्त करने और यूजीसी के सीधे अधिकार क्षेत्र में एक अधिक जवाबदेह और मजबूत परीक्षा संचालन प्रणाली स्थापित करने की भी मांग करते हैं।