राजनीति

सहयोगी दलों का भाजपा को पूर्ण समर्थन, पीएम मोदी जिसे चुनेंगे वही होगा लोकसभा अध्यक्ष

नई दिल्ली
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने सत्ताधारी गठबंधन में आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न सहयोगियों से बातचीत की है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के छोटे से छोटे सहयोगियों से भी चर्चा की गई है। बता दें कि भाजपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सबसे बड़ी पार्टी है।

मीडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एनडीए गठबंधन के सहयोगियों ने भाजपा द्वारा लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए नामित किए जाने वाले उम्मीदवार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। एक सूत्र ने बताया, "अध्यक्ष पद उम्मीदवार के लिए सहयोगी दलों से सुझाव मांगे गए हैं। हालांकि, अधिकांश सहयोगी दलों ने किसी खास व्यक्ति को प्राथमिकता या पसंद नहीं दी है।" भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह बता दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए एकजुट बना रहेगा और लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर जो भी फैसला पीएम मोदी लेंगे वह सभी दलों को मान्य होगा। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने गठबंधन सहयोगियों को यह भी बता दिया है कि वे गठबंधन के किसी एक सहयोगी को उपसभापति का पद देने के लिए इच्छुक हैं। हालांकि, विपक्ष भी इस पद के लिए अपना दावा पेश कर सकता है, क्योंकि इसके लिए पर्याप्त संख्याबल उनके पास है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद के आगामी सत्र के लिए सदन की रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस सत्र में जहां नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले पांच साल के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का दृष्टिकोण देश के सामने रखेंगी। राजनाथ सिंह के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, किरण रिजिजू और अन्नपूर्णा देवी शामिल हुए। राजग के सहयोगी दलों में जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान सहित अन्य नेता शामिल हुए। सिंह और पासवान केंद्रीय मंत्री हैं।

कुछ सहयोगी दलों, जिनमें वरिष्ठ सांसद भी शामिल हैं, उन्होंने भी भाजपा से अध्यक्ष पद के लिए ऐसा उम्मीदवार लाने का अनुरोध किया है, जिस पर आम सहमति बन सके। कुछ सहयोगी दलों ने सरकार को बताया है कि "2014 और 2019 अलग थे, जब भाजपा को लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त था। लेकिन इस बार अधिक संख्याबल के साथ विपक्ष ज्यादा आक्रामक होगा। इसलिए अध्यक्ष पद और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।" संसद का विशेष सत्र 24 जून को शुरू होगा। हालांकि यह सत्र मुख्य रूप से लोकसभा में सभी निर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के लिए है। तीसरे दिन 26 जून को स्पीकर के लिए चुनाव होगा। वर्तमान में ओम बिरला पिछले पांच वर्षों से लोकसभा अध्यक्ष के पद पर हैं।

लेकिन लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले एक प्रोटेम स्पीकर का पद होगा जो अध्यक्ष चुने जाने तक पहले तीन दिनों तक सदन की अध्यक्षता करेगा। इस पद को देने के लिए आम तौर पर सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नेता सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनने के लिए विपक्ष समेत सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। जहां तक ​​एनडीए उम्मीदवार का सवाल है, उनके पास नंबर हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह सर्वसम्मति बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे।

ऐसी भी खबरे हैं कि जदयू ने कहा है कि वह अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी जबकि एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने इस प्रतिष्ठित पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार की मांग की है। विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष पद की मांग की है जबकि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगी को यह पद देने पर विचार कर रही है।

 

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