मनमोहन सिंह के मुरीद हुए अडानी, इस फैसले को बताया इकोनॉमी के लिए टर्निंग प्वाइंट
नई दिल्ली
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि साल 1991 में घोषित आर्थिक उदारीकरण नीति ने भारत की इंफ्रा सेक्टर की नींव रखी और बाद में यह तरक्की की राह पर आगे बढ़ता चला गया। बता दें कि साल 1991 में मनमोहन सिंह देश के वित्त मंत्री थे। वहीं, साल 2004 से 2014 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे।
क्या कहा गौतम अडानी ने
मुंबई में क्रिसिल के एक कार्यक्रम के दौरान गौतम अडानी ने एयरक्राफ्ट के उदाहरण से इकोनॉमी ग्रोथ के बारे में बताया। उन्होंने कहा- साल 1991 से 2014 के बीच की अवधि नींव रखने और रनवे के निर्माण की थी तो साल 2014 से 2024 तक की अवधि एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने की रही।
वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की नीति की तारीफ
बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा घोषित उदारीकरण नीति में बदलाव की प्रशंसा करते हुए गौतम अडानी ने कहा-1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री की आर्थिक उदारीकरण नीति की वजह से देश की इकोनॉमी को नई दिशा मिली। लाइसेंस राज के टूटने का मतलब था कि सरकार ने अधिकांश क्षेत्रों के लिए औद्योगिक लाइसेंसिंग को खत्म कर दिया। इसने व्यवसायों को निवेश करने, कीमतें निर्धारित करने या क्षमता निर्माण करने के लिए सरकारी अनुमति प्राप्त करने की अधिकांश जरूरतों को समाप्त कर दिया। अडानी ने कहा कि पिछले दशक में भारत ने इंफ्रा स्ट्रक्चर के क्षेत्र में अहम प्रगति देखी है।
100 अरब डॉलर निवेश का प्लान
गौतम अडानी ने बताया कि अडानी समूह एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स और मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करेगा। अडानी ने कहा- अगले दशक में हम ऊर्जा बदलाव के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेंगे। अपनी इंटीग्रेटेड रिन्यूएबल एनर्जी वैल्यू सीरीज का विस्तार करेंगे। हमारी वैल्यू सीरीज में पहले से प्रत्येक प्रमुख कलपुर्जें की मैन्युफैक्चरिंग शामिल है।
उन्होंने बताया कि हम पहले से ही कच्छ जिले (गुजरात में) के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बना रहे हैं। केवल इस एकल स्थान से 30 गीगावाट बिजली पैदा होगी, जिससे हमारी कुल रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी 2030 तक 50 गीगावाट पर पहुंच जाएगी।