देशभर में NEET की परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर माहौल गर्म, बीजेपी के नेता ने प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला
नई दिल्ली
देशभर में NEET की परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर माहौल गर्म है। इस बीच बीजेपी के नेता शहजाद जय हिंद ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर तीखा हमला बोला है। दरअसल प्रियंका ने कुछ दिनों पहले जिस NEET-UG अभ्यर्थी के वीडियो को समर्थन करते हुए पोस्ट किया था, वह दावा फर्जी साबित हो गया है। फटे हुए OMR आंसर की के दावे को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी पाया है। कोर्ट ने कहा है कि अभ्यर्थी ने नकली दस्तावेज दिखाए थे। इससे NTA को अभ्यर्थी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की इजाजत भी मिल गई है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद ने X पर एक पोस्ट में लिखा, "क्या प्रियंका वाड्रा पर इस तरह के झूठ को साझा करने और उसे बढ़ावा देने के लिए मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए? क्या मीडिया उनसे कोई बुनियादी सवाल भी पूछेगा? क्या मीडिया उनसे पूछेगा कि वह इस तरह के झूठ का इस्तेमाल कर अराजकता क्यों फैला रही थीं?"
गौरतलब है कि लखनऊ की NEET अभ्यर्थी आयुषी पटेल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि NTA ने उन्हें ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि फटी हुई ओएमआर शीट के कारण उनका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस दावे को सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए शेयर किया। इस वीडियो से NEET-UG 2024 में गड़बड़ी की खबरों के बीच हलचल मच गई। वायरल सोशल मीडिया पोस्ट को प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शेयर किया था। प्रियंका ने लिखा था, “NEET जैसी परीक्षाओं में लाखों बच्चे मेहनत से तैयारी करते हैं और अपनी जिंदगी के सबसे कीमती पल इस तैयारी में लगाते हैं। पूरा परिवार इस प्रयास में अपनी श्रद्धा और शक्ति डालता है। लेकिन साल दर साल इन परीक्षाओं में पेपर लीक, रिजल्ट से जुड़ी गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। हम अपने युवा साथियों के सपनों को यूँ बिखरते हुए नहीं देख सकते। उनकी मेहनत के साथ सिस्टम द्वारा किया जा रहा ये अन्याय रुकना चाहिए। सरकार को गंभीरता से इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे।”
आयुषी पटेल ने अपनी ओएमआर शीट का मैन्युअल मूल्यांकन करने की मांग की थी और NTA की कार्यप्रणाली की जांच करने का आग्रह किया था। साथ ही एडमिशन काउंसलिंग को रोकने की भी मांग की थी। कोर्ट में राजेश सिंह की अगुवाई वाली बेंच ने 12 जून को NTA को अभ्यर्थी के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया। जवाब में एनटीए के उप निदेशक संदीप शर्मा ने मूल ओएमआर शीट और एक हलफनामा प्रस्तुत किया। दस्तावेजों की जांच करने पर, अदालत ने फैसला किया कि याचिकाकर्ता ने अपने दावों को झूठे सबूतों पर तैयार किया था।
NTA ने NEET याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की
दावा फर्जी साबित होने के बाद एनटीए ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। अदालत ने स्थिति पर खेद व्यक्त किया और कानूनी रूप से आगे बढ़ने के लिए एनटीए के विशेषाधिकार की पुष्टि की थी। इसके साथ ही, याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने के लिए अदालत से अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने तुरंत मंजूरी दे दी। जवाब में, NTA ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला पहले ही कर लिया है।
5 मई को 4,750 केंद्रों पर करीब 24 लाख छात्रों के लिए आयोजित की गई नीट परीक्षा कथित पेपर लीक और विवादास्पद ग्रेस मार्क्स के कारण जांच के घेरे में है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह 1,500 से अधिक छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को रद्द कर देगा और दोबारा परीक्षा करवाने के लिए तैयार है। हालाँकि, देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में पूरी परीक्षा प्रक्रिया की जांच की मांग की जा रही है और पूरी तरह से दोबारा परीक्षा की मांग भी की जा रही है।