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सामाजवादी वर्ग की बुलंद आवाज शरद यादव नहीं रहे

संसद तक उनकी आवाज गूंजती रही

Realindianews.com
भारतीय राजनीति और समाजवादी वर्ग की एक बुलंद आवाज गुरुवार रात खामोश हो गई। जेडीयू के पूर्व नेता और पूर्व सांसद शरद यादव नहीं रहे। भारतीय राजनीति और समाजवादी वर्ग की एक बुलंद आवाज आज खामोश हो गई। जेडीयू के पूर्व वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शरद यादव नहीं रहे। शरद भले का जन्म भले ही मध्य प्रदेश में हुआ हो लेकिन उनकी छात्र राजनीति में कॉलेज की पंचायत से लेकर लोक तंत्र की सबसे बड़ी अदालत संसद तक उनकी आवाज गूंजती रही। छात्र राजनीति से संसद तक का सफर तय करने वाले शरद यादव ने मध्य प्रदेश मूल का होते हुए भी अपने राजनीतिक जीवन की धुरी बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत से बनाई। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक दबदबा दिखाया और राष्ट्रीय राजनीति में अपना अलग स्थान बनाया।
एक किसान परिवार में जन्मे थे
शरद यादव का जन्म एक जुलाई, 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। शरद बाल्यकाल से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने इंजीनियर बनने का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने मध्य प्रदेश के जबलपुर के ही इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और बीई की डिग्री ली।

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