भूस्खलन में लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों से 15 और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया
गंगटोक
सिक्किम के भूस्खलन प्रभावित मंगन जिले के लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों से 15 और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य स्वयंसेवकों की मदद से, फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है। उन्होंने बताया कि दिन में और भी पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया जाएगा।
इसके साथ ही मंगन जिला प्रशासन ने संपत्ति को हुए नुकसान और सड़क अवरुद्ध होने के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा को लेकर मंगलवार को जिले के सभी सरकारी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया।
जिलाधिकारी हेम कुमार छेत्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि मंगन प्रखंड के मानुल, सिंघिक, मंगन तथा मांगशिला क्षेत्र और लिंगदोंग प्रखंड के ही ग्याथांग, पासिंगदोंग, लिंग्ज़्या, तिंगवोंग और गोर क्षेत्र में सरकारी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। आदेश में कहा गया कि स्कूलों के प्रधानाचार्य और कर्मचारी कार्यक्षेत्र पर ही रहेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को उत्तरी सिक्किम के लाचुंग से 64 पर्यटकों को मंगन कस्बे तक पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने पैदल चलने वाले लोगों के लिए तथा वाहनों के सुगम आवागमन के लिए लकड़ी के अस्थायी पुल बनाए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 12 जून से लगातार हो रही बारिश ने मंगन में कहर बरपाया, जिससे कई जगह भूस्खलन हुआ और जिले के ज्यादातर हिस्सों से संपर्क टूट गया। कई स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध होने के कारण लाचुंग में लगभग 1,200 पर्यटक फंस गए।
पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते सिक्किम में कम से कम छह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई इलाकों में संपत्ति को काफी नुकसान हुआ और बिजली, खाद्य आपूर्ति तथा मोबाइल नेटवर्क भी बाधित है।
उन्होंने बताया कि सांकलांग में नवनिर्मित झूला पुल के ढहने के बाद स्थिति गंभीर हो गई क्योंकि यह उत्तरी सिक्किम और जोंगु को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग था।
एक बयान में कहा गया, ‘‘मौसम और भारी वर्षा के कारण पैदा हुए हालात से निपटने की कवायद के तहत बीआरओ ने उत्तरी सिक्किम से संपर्क जल्द से जल्द बहाल करने के लिए जनशक्ति और सरकारी तंत्र जुटाकर काम शुरू कर दिया है।’’
केन्द्रीय गृहमंत्री ने की आईटीबीपी की माउंटेन रेस्क्यू टीम की सराहना, कहा-बहादुर हिमवीरों पर हमें गर्व है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लाहौल और स्पीति में एक बचाव अभियान चलाने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की माउंटेन रेस्क्यू टीम की सराहना की है।
'एक्स' प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि हमें अपने बहादुर हिमवीरों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी की माउंटेन रेस्क्यू टीम ने हाल ही में लाहौल और स्पीति की दुर्गम चोटियों पर एक चुनौतीपूर्ण खोजी अभियान चलाया और एक अमरीकी नागरिक का पार्थिव शरीर वापस लेकर आए, जिनकी पैराग्लाइडिंग करते हुए एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।
शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के अनुरोध पर आईटीबीपी टीम के सदस्य 14,800 फीट की चढ़ाई कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए मानवता की भावना दिखाते हुए पार्थिव शरीर को वापस लाए। उन्होंने कहा कि मानवता के प्रति आईटीबीपी का समर्पण प्रशंसनीय है।
उल्लेखनीय है कि लाहौल और स्पीति में काजा के पास लापता हुए 31 वर्षीय अमेरिकी पैराग्लाइडर मिस्टर बॉकस्टहलर ट्रेवर के अवशेषों को 48 घंटे से अधिक समय तक चले सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव मिशन में से एक के बाद आईटीबीपी पर्वतारोहियों द्वारा 14800 फीट से नीचे लाया गया। पार्थिव शरीर को पुलिस थाना काजा ले जाया गया है।