आचार संहिता खत्म, सरकार की नए सिरे से प्रशासनिक जमावट करने का काम शुरू
भोपाल
पांच जून के बाद आचार संहिता खत्म होते ही मोहन यादव सरकार की नए सिरे से प्रशासनिक जमावट करने का काम शुरू हो जाएगा और निर्माण तथा अन्य विकास कार्य शुरू किए जा सकें। अगले मंगलवार से कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई भी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही नए काम के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने का काम भी शुरू हो जाएगा।
प्रदेश में चार चरण में हुए लोकसभा की 29 सीट के चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। 13 मई को अंतिम चरण का मतदान होने के पश्चात चुनाव आयोग ने कई प्रतिबंधों को शिथिल कर लोगों को राहत पहुंचाने वाले काम चालू कराने की परमिशन दी थी लेकिन कई मामलों में सरकार खुलकर फैसले नहीं ले पा रही थी।
अब पांच जून को दोपहर तक चुनाव परिणामों का नोटिफिकेशन होने के बाद चुनाव आयोग आचार संहिता खत्म करने का आदेश जारी कर सकता है। इसके बाद प्रदेश में विकास कार्य और नीतिगत फैसलों को लेकर सरकार की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।
जिलों में कलेक्टरों द्वारा हर मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन करके लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं। इस जनसुनवाई पर अभी रोक है। जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) अब इसे फिर से शुरू करने का आदेश एक दो दिनों में जारी करेगा। इसके बाद अगले मंगलवार से जनसुनवाई शुरू हो जाएगी।
नए निर्माण कार्य होंगे चालू
बताया गया कि अब नए निर्माण कार्य भी शुरू किए जा सकते हैं। अगले माह 15 जून से मानसून सक्रिय हो जाएगा, इसलिए सरकार अब बारिश के पहले होने वाले काम तेज करेगी। खास तौर सड़कों को बनाने का काम लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग तथा एमपीआरडीसी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अफसर शुरू कर सकेंगे। इसके लिए अब चुनाव आयोग से परमिशन लेने की बंदिश खत्म हो गई है। बारिश के पहले उखड़ी सड़कों का पुनर्निर्माण, रखरखाव तथा नई सड़कों को बनाने का काम किया जाएगा। बजट के काम में तेजी आएगी। विधानसभा सचिवालय पहले ही एक जुलाई से मानसून का ऐलान कर चुका है जो 19 जुलाई तक चलेगा।
होगी कैबिनेट, नीतिगत फैसले होंगे
अब मोहन यादव सरकार की कैबिनेट मीटिंग बुधवार के बाद हो सकेगी। इसमें मोहन सरकार के प्रस्तावित एजेंडे पर अमल के लिए फैसला करने के साथ बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल बिन्दुओं को पूरा करने का काम किया जाएगा। फिलहाल सरकार का फोकस प्रदेश के नए वित्त बजट को लेकर रहेगा जो जुलाई के पहले हफ्ते में विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसके लिए अब मुख्यमंत्री के साथ विभागीय मंत्री भी विभाग प्रमुखों से साथ बैठकें शुरू कर सकेंगे।
मंत्रालय-सचिवालय में बढ़ेगी अफसरों की बैठक
चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते मंत्रालय में एसीएस, पीएस और सचिव स्तर के अफसर या तो जाते ही नहीं थे या फिर कुछ देर बैठक कर वापस लौट जाते थे। अब मंत्रालय में इन अफसरों की बैठकें और मीटिंग्स का समय बढ़ेगा। यही स्थिति सचिवालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी रहेगी।