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ECI ने भीषण गर्मी के बीच चुनाव कराने को गलती माना है, भीषण गर्मी से 25 चुनाव कर्मियों की मौत

नई दिल्ली

ECI यानी भारत निर्वाचन आयोग ने भीषण गर्मी के बीच चुनाव कराने को गलती माना है। साथ ही यह भी स्वीकार किया है कि चुनाव गर्मी के मौसम में नहीं कराए जाने चाहिए। खास बात है कि आयोग ने 7 चरणों में मतदान कराने का फैसला किया था, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक करीब 45 दिनों तक चले थे। लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को आएंगे।

7 चरणों के मतदान का दौर समाप्त होने के बाद और मतगणा के एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने आम चुनाव से जुड़े सवालों के खुलकर जवाब दिए। उन्होंने कहा कि चुनावों से सबसे बड़ी सीख यही मिली है कि यह प्रक्रिया गर्मी के पहले पूरी हो जानी चाहिए। खास बात है कि शुरुआती चरणों में हुए कम मतदान की एक वजह गर्मी को भी माना गया था।

कांग्रेस नेता के आरोपों का जवाब
सोमवार को कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 150 कलेक्टरों को कॉल किया था। सीईसी ने कहा, '…क्या उन सभी (DM/रिटर्निंग अधिकारियों) को कोई प्रभावित कर सकता है। हमें बताएं कि ऐसा किसने किया है। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया है…। आप सभी पर संदेह करें और अफवाह फैलाएं, ये सही नहीं है।'

भारत ने बनाया रिकॉर्ड
कुमार ने कहा कि भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। राजीव कुमार ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षा कर्मी शामिल रहे।

मीम पर ली चुटकी
निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ मीम में 'लापता जेंटलमैन' नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, 'हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे।' उन्होंने कहा, 'अब मीम बनाने वाले कह सकते हैं कि 'लापता जेंटलमैन' वापस आ गए हैं।'

 

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