देश

राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया

राजकोट
राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि अहमदाबाद में सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंगरोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई कोर्ट ने इस बारे में अहमदाबाद में सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट निगम से इस बारे में सफाई मांगी है और यह बताने के लिए कहा है कि इस गेमिंग जोन को चलाने की इजाजत किस प्रावधान के तहत दी गई।

जांच के लिए एसआईटी का गठन
बता दें, राजकोट में टीआरपी गेमिंग जोन में शनिवार को लगी आग में 27 लोगों की मौत हो गई है। मामले की जांच  के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है।  इस हादसे में जिन 27 लोगों की मौत हुई है उनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं।  अधिकारियों ने बताया कि शव बुरी तरह से जले हुए हैं और उनकी शिनाख्त में मुश्किलें आ रही हैं इसके लिए शवों और मारे गए लोगों के परिजन के डीएनए के नमूने एकत्र किए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार सुबह नाना-मावा रोड पर घटनास्थल और एक अस्पताल का दौरा किया जहां घायल व्यक्तियों को भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार शनिवार शाम ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई जिसमें 12 साल से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं। घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय एसआईटी शनिवार देर रात राजकोट पहुंची और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की। एसआईटी को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है। गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी शनिवार देर रात राजकोट पहुंचे और बैठक में शामिल हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से घटना की जानकारी मांगी है और इस घटना पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।’’ एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने बैठक से पहले शनिवार रात संवाददाताओं से कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा, ‘‘शव बुरी तरह से जले हुए हैं। हमने शवों की शिनाख्त के लिए शवों से और मारे गए लोगों के परिजन के डीएनए के नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका नहीं है।’’

आग लगने के प्रमुख कारणों के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से शनिवार को बात की और बचाव और राहत प्रयासों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और शहर के सभी ‘गेमिंग जोन’ को परिचालन बंद करने का संदेश जारी किया गया है। पुलिस महानिदेशक ने अग्निकांड के मद्देनजर राज्य के पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को गुजरात के सभी ‘गेम जोन’ का निरीक्षण करने और अग्नि सुरक्षा मंजूरी के बिना संचालित हो रहे ‘गेम जोन’ को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button