एम्मार ग्रुप की परियोजनाओं के भूखंड के क्रय, विक्रय, हस्तांतरण और अग्रिम राशि लेने पर रोक लगी रोक
इंदौर.
दुबई के रियल एस्टेट समूह एम्मार ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी की शिकायत पर मध्य प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। कंपनी की इंदौर स्थित परियोजनाओं के भूखंड के क्रय, विक्रय, हस्तांतरण और अग्रिम राशि लेने पर रोक लगा दी गई है। यह कंपनी दावा करती रही है कि दुनिया की मशहूर बिल्डिंग बुर्ज खलीफा इसी ने बनाई है।
एम्मार ग्रुप ने इंदौर ग्रीन्स नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। अभिषाषक हितेंद्र यूके त्रिपाठी के अनुसार खरीददार नरेंद्र जोशी और अन्य के साथ धोखाधड़ी करके इन खरीदारों को इंदौर में स्थित इंदौर ग्रीन्स कालोनी का एक भूखंड बिक्री किया और बिक्री कीमत की 95 प्रतिशत धनराशि प्राप्त कर ली। इसके बाद इसी भूखंड को आनंद गुप्ता नामक व्यक्ति को अधिक भाव में बिक्री कर दिया और रजिस्ट्री भी कर दी।
आनंद गुप्ता ने चार दिन पश्चात इसी भूखंड को घाटे में कविता खटकर नामक महिला को अवैध रूप से बिक्री किया। इस मामले में मूल खरीदार ने एम्मार ग्रुप के खिलाफ मध्य प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण के समक्ष प्रकरण दर्ज करवाया था। अगस्त 2020 में रेरा ने इस प्रकरण को देखते हुए पूर्व के भूखंड के आवंटन की निरस्तीकरण पर रोक लगाई थी।
साथ ही जिला पंजीयक को भूखंड का पंजीयन नहीं करने के आदेश दिए थे। रेरा के निर्देशों के बावजूद कंपनियों ने धोखाधड़ी करके और प्राधिकरण के आदेश की अवहेलना करके उक्त भूखंड को 31 मार्च को किसी अन्य व्यक्ति को अवैध रूप से विक्रय कर दिया।
सप्ताहभर में ही उसे किसी तीसरे को भी बेच दिया गया। इस मामले में पुलिस ने शिकायत भी दर्ज नहीं की। इस पर शिकायतकर्ता ने जानकारी रेरा प्राधिकरण के सामने प्रस्तुत की। जांच के पश्चात प्राधिकरण ने एम्मार ग्रुप की इंदौर स्थित परियोजना में संपत्ति क्रय-विक्रय, आवंटन, अग्रिम धनराशि प्राप्त करने, विक्रय पत्र अथवा हस्तांतरण पत्र के निष्पादन पर रोक लगा दी है और साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।