युवा सीखने और नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति के साथ आगे बढ़ें
- चुनौतियों का सामना करें, समाधान खोजें, शत-प्रतिशत प्रयास करें – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- युवा सीखने और नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति के साथ आगे बढ़ें
- संबल, सक्षम, और सुशासित मध्यप्रदेश बनाने में लोक सेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण
- रामराज्य सुशासन की सर्वाधिक प्रभावशाली परिभाषा है और हम रामराज्य की ओर अग्रसर हैं
- मुख्यमंत्री ने एमपी पीएससी के चयनित अधिकारियों को प्रदान किए नियुक्ति पत्र
- मुख्यमंत्री ने नव-नियुक्त अधिकारियों से किया संवाद
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 559 अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि सभी युवा निरंतर नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति के साथ आगे बढ़ें। चुनौतियों का डटकर सामना करें, समाधान खोजें और हल के लिये शत-प्रतिशत प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना, सब स्वस्थ और सुखी हों यह प्रयास करना तथा मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर हो इसके लिए समन्वित रूप से प्रयास करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। रविंद्र भवन में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपने कठोर परिश्रम, परिवारों की आशा, आकांक्षा और अपेक्षा के बलबूते परीक्षा में सफलता पाकर राज्य सेवा के लिए चयनित हुए हैं। प्रदेश सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा कराया है। चयनित अभ्यर्थियों का पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल चेकअप के साथ ही अन्य प्रमाण पत्रों का सत्यापन का कार्य बहुत ही कम समय में करवाया गया है, जिससे कि चयनित युवा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदाय हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि हाल ही में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, यह देश में सुशासन की प्राण प्रतिष्ठा है, हम राम राज्य की ओर अग्रसर हैं। आप सुशासन का पाथेय बन रहे हैं, अतः आप सब बधाई के पात्र हैं। समारोह में सौंपा जा रहा नियुक्ति पत्र आपके प्रति विश्वास और आप में निहित संभावनाओं का प्रमाणीकरण है। सबल, सक्षम और सुशासित मध्यप्रदेश बनाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने संवाद में निरंतर अविचल भाव से चलते रहने के लिये प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, चाणक्य, पन्ना धाय और हाल ही में भारत रत्न के लिये चयनित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पुरी ठाकुर का उदाहरण भी दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान के साथ आरंभ हुआ। एमपी पीएससी वर्ष 2019-20 के कुल चयनित 686 अभ्यर्थियों में से 187 अनारक्षित, 157 अन्य पिछड़ा वर्ग, 150 अनुसूचित जनजाति, 110 अनुसूचित जाति और 82 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में से आज 559 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसम्पर्क विभाग में नियुक्त सुहिमांशी बजाज, शिवेन्द्र गुर्जर, वाणिज्यिकर अधिकारी सुवर्षा पंवार, वाणिज्यिककर निरीक्षक राहुल विश्वकर्मा तथा अन्य को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
युवा देश की धरोहर हैं, उन्हें पुष्पित-पल्लवित करना हमारा दायित्व है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभ्यर्थी, म.प्र. लोक सेवा में चयन को अपना अंतिम पड़ाव नहीं मानें, आप आगे बढ़ने के लिए ललक बनाए रखें, प्रयास करते रहें शासन की ओर से हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थियों को किसी स्वीकृति की आवश्यकता होने पर उन्हें राज्य शासन द्वारा उदारतापूर्वक स्वीकृति उपलब्ध कराई जाएगी। अभ्यर्थी युवा हैं, आप देश की धरोहर हैं, भारत विश्व का सबसे युवा देश है। इस धरोहर को पुष्पित-पल्लवित करना और उन्हें अपनी क्षमतानुसार लक्ष्य प्राप्ति में मदद करना हमारा दायित्व है। देश की आजादी के अमृतकाल में सभी क्षेत्रों में देश को आगे बढ़ाने में आप सब अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करें।
नई तकनीक अपनाने और सीखने की प्रवृत्ति बनाएं रखें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान और तकनीक का युग है। सौंपे गए कार्यों के संपादन में नई तकनीक को अपनाकर अपनी क्षमता बढ़ाने तथा कार्य को अधिक से अधिक सक्षमता, पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पूर्णता तक ले जाने के लिए हमें संकल्पित रहना है। नई तकनीक अपनाने और सीखने की प्रवृत्ति के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को प्रेरित किया और कहा कि हमें जो भी दायित्व मिले उसे शत-प्रतिशत सफलता की ओर ले जाने के लिए हम प्रतिबद्ध रहें।
शंकराचार्य पद्धति पर संचालित गुरूकुल शत-प्रतिशत दक्षता सिखाते हैं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में शिक्षा की कई पद्धतियों के साथ-साथ शंकराचार्य पद्धति पर भी कई गुरूकुल संचालित हैं। इस व्यवस्था में कोई प्रमाण-पत्र नहीं है, परंतु यह पद्धति शत-प्रतिशत दक्षता के साथ काम करना सिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य द्वारा सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन में समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और त्याग के संबंध में चाणक्य, पन्नाधाय, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर के उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को विनम्र, तालमेल से कार्य करने और अध्ययनशील व सीखने के प्रवृत्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से अभ्यर्थियों ने किया संवाद, दिये टिप्स
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चयनित अभ्यर्थियों से संवाद कार्यक्रम में पूछे गये प्रश्नों के जवाब दिये। प्रकाश उपाध्याय द्वारा समय के प्रबंधन के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में डॉ. यादव ने कहा कि वे सदैव डायरी मेंटेन कर प्रतिदिन के कार्यों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करते हैं। इसके साथ ही वरिष्ठजन व अनुभवी लोगों से प्राप्त उपयोगी बिन्दुओं को भी वे नोट करते हैं और यह नोटिंग उनसे पुन: भेंट करने तथा अन्य संदर्भ के रूप में बहुत उपयोगीसिद्ध होती है।
मित्र बनाने और मित्रता निभाने में ईमानदारी व शुचिता का ध्यान रखना आवश्यक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से अंकित चौबे ने उनके जीवन यात्रा में मित्रों के महत्व व सहयोग संबंधी प्रश्न के जवाब में कहा कि आरंभिक जीवन के संघर्ष के साथी युवावस्था से लेकर आज तक मित्र हैं। मित्र बनाने और मित्रता निभाने में ईमानदारी व शुचिता का ध्यान रखना तथा लंबे समय तक संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रयास करना आवश्यक है।
हर पल विचारवान बने रहना आवश्यक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुआयुषी साहू के जनसमस्याओं के निराकरण में उपयोगी और सहायक बिन्दुओं पर प्रकाश डालने के अनुरोध पर कहा कि हम हमेशा इस प्रकार कार्य करें, जो हमारे व्यक्तित्व और पद की गरिमा बढ़ाए। यह आवश्यक है कि दायित्व निर्वहन में हमारी नीयत सही हो, हम अहंकार न रखें। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगरौली में एसडीएम चिरावन द्वारा महिलाकर्मी से उनके जूते के फीते बंधवाने का निंदनीय मामला सामने आने और उस पर की गई त्वरित कार्यवाही का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में नारी सम्मान सर्वोपरि है।
अपनी क्षमताओं और व्यक्तित्व का आंकलन कर लक्ष्य निर्धारित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सुअंशिका ठाकुर के तनाव प्रबंधन संबंधी टिप्स के अनुरोध पर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए निष्पक्ष भाव से अपनी क्षमताओं और व्यक्तित्व का आंकलन कर अपने लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है। हमारी जो रूचि हो और जिन कार्यों में हमारा मन लगे, हमें उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इस संदर्भ में डॉ. यादव ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस, विदेश मंत्री जयशंकर के उदाहरण देते हुए कहा कि हम जो कार्य या चुनौती लें, उसे अपना शत-प्रतिशत दें और अपने प्रयासों से पूर्ण न्याय करें।
दिव्यांग और दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों की संघर्ष गाथा का हुआ प्रस्तुतीकरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद के क्रम में सफलता की कहानी के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों की सफलता और लक्ष्य प्राप्ति में आई कठिनाइयों पर संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण के अंतर्गत दिव्यांग राहुल विश्वकर्मा, दृष्टिबाधित शशांक जैन तथा सुप्रियंका भलावी के संघर्ष पर जानकारी दी गई।
मध्य प्रदेश सिविल सेवा के वर्ष 2019 व 2020 के चयनित अभ्यर्थी हुए शामिल
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने प्रदेश की विगत 20 वर्षों की प्रगति यात्रा और प्रमुख सामाजिक आर्थिक संकेतकों पर प्रस्तुतीकरण दिया। केपेसिटी बिल्डिंग कमीशन ऑफ इण्डिया के सेक्रेटरी एस.पी. राय द्वारा सुशासन के आयाम और उप सचिव मध्यप्रदेश शासन अंशुल गुप्ता द्वारा टेक्नालॉजी इन गवर्नेंस पर उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सिविल सेवा के वर्ष 2019 व 2020 के चयनित अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। नवागत अधिकारी वाणिज्य कर, वित्त, कार्मिक; राजस्व, स्कूल शिक्षा, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, गृह, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम, जनसंपर्क, जनजातीय कार्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता और जेल विभाग में पदस्थ होंगे। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को तुलसी का पौधा भेंटकर आभार प्रदर्शित किया गया।