मध्यप्रदेश

वन विभाग भर्ती में में 25 किमी की पैदल चाल करते चार अभ्यर्थियों की बिगड़ी तबीयत, एक ने दम तोड़ा

बालाघाट
वन विभाग में वन रक्षक और क्षेत्र रक्षक की शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत पैदल चाल के दौरान शनिवार को एक अभ्यर्थी की जान चली गई। मृतक की पहचान शिवपुरी जिले के ग्राम पनपरा निवासी सलीम पिता रमेश मौर्य (27) के रूप में हुई है। शनिवार सुबह छह बजे जिला मुख्यालय से लगे गर्रा से वारा तक पैदल चाल रखी गई थी, जिसमें प्रदेशभर से 145 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

अभ्यर्थियों को कुल 25 किमी (आना-जाना) पैदल चलना था। इस दौरान चार अभ्यर्थी बेहोश हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल लाया गया। इसमें सलीम मौर्य (बैच क्रमांक-92) की मौत हो गई। बताया गया कि सलीम करीब ढाई किमी शेष रहते बेहोश होकर गिर पड़ा, जिसे चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। शेष तीन अभ्यर्थी खतरे से बाहर हैं, जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
 
भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी की मौत से वन विभाग में हड़कंप है। खबर लगते ही वन विभाग के आला-अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों से जानकारी ली। अस्पताल चौकी पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है। सलीम की मौत के पीछे कई अनुमान लगाए जा रहे हैं। तेज गर्मी के साथ पैदल चलते हुए हृदय गति रुक जाने को भी वजह बताया जा रहा है। शव को मर्चुरी में रखा गया है। परिजनों के पहुंचने पर संभवत: आज रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में वन विभाग व वन विकास निगम के लिए वन रक्षक व क्षेत्र रक्षकों के 146 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। लिखित परीक्षा के बाद 438 अभ्यर्थी आगे की प्रक्रिया के लिए चयनित हुए हैं। इनका बालाघाट के रेंजर कालेज परिसर में अभिलेख परीक्षण, शारीरिक मापदंड के बाद पैदल चाल के जरिए चयन किया जा रहा है।

तीनों प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग दल बनाए गए हैं। अभिलेख परीक्षण व शारीरिक मापदंड की प्रक्रिया रेंजर कालेज में संपन्न कराई जा रही है। वहीं, पैदल चाल का आयोजन गर्रा से वारा के बीच किया जा रहा है। बता दें कि पुरुष अभ्यर्थियों के लिए पैदल चाल 25 और महिला अभ्यर्थियों के लिए 14 किलोमीटर तय की गई है।

यह प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हुई है, जो 27 मई तक चलेगी। सलीम के साथ बालाघाट आए उनके रिश्तेदार विनोद घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि वह सलीम के साथ 23 मई को बालाघाट आए थे। सलीम स्वस्थ्य था और उसे किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। पैदल चाल से पहले भी वह स्वस्थ्य था।

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