धर्म/ज्योतिष

जीवन में सुख-समृद्धि के लिए सही नक्षत्र में करें रत्नों का चयन

नौ प्रमुख रत्नों का नवग्रहों से संबंध माना जाता है। सूर्य के लिए माणिक्य, चन्द्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया पहनाया जाता है।

सूर्य को शक्तिशाली बनाने के लिए कम से कम पांच रत्ती का माणिक्य नामक रत्न स्वर्ण की अंगूठी में जड़वाकर, अनामिका उंगली में, रविवार के दिन, कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा या फिर पुष्य नक्षत्र आने पर धारण करना चाहिए।

चंद्रमा को शक्तिशाली बनाने के लिए कम से कम साढ़े छ रत्ती का मोती चांदी की अंगूठी में, शुक्ल पक्ष में, सोमवार को रोहिणी, हस्त, श्रवण नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

मंगल को शक्तिशाली बनाने के लिए नौ रत्ती के मूंगे को स्वर्ण धातु अथवा विशेष परिस्थिति में ताम्बे धातु में जड़वाकर मंगलवार को मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा नक्षत्र में या फिर पुष्य नक्षत्र में पहनना चाहिए।

बुध ग्रह का प्रधान रत्न है पन्ना, कम से कम साढ़े छः रत्ती वजन का पन्ना सबसे छोटी उंगली में, स्वर्ण की अंगूठी में, बुधवार को प्रातःकाल आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

बृहस्पति के लिए नौ या ग्यारह रत्ती का पुखराज रत्न, स्वर्ण की अंगूठी में, तर्जनी उंगली में गुरु पुष्य योग में अथवा पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आने पर धारण करना चाहिए।

शुक्र ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए कम से कम एक कैरेट का हीरा, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, भरणी नक्षत्र में बीच की उंगली अथवा अनामिका में जन्मपत्री के अनुसार धारण किया जाना चाहिए।

शनि ग्रह की अनुकूलता के लिए नीलम आठ रत्ती का मध्यमा उंगली में शनिवार को पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र आने पर धारण करना चाहिए। जन्मकुंडली के अनुसार नीलम पंचधातु, चांदी अथवा विशेष परिस्थितियों में सोने में धारण किया जा सकता है।

राहु के लिए आठ रत्ती का गोमेद, आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा नक्षत्र में बुधवार या शनिवार को धारण करना चाहिए। इसे पंचधातु या चांदी में तथा मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए।

केतु के लिए आठ रत्ती की लहसुनिया, मघा, मूल, अश्विनी नक्षत्र में धारण करना चाहिए। इसे पंचधातु या चांदी में तथा मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button