राजनीति

दिग्विजय सिंह EVM की अव्यवस्थाओं की शिकायत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए

राजगढ़
 एमपी की सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। सभी सीटों की ईवीएम मशीनें भी स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षा के बीच रख दी गई हैं। लेकिन इन सभी सीट में राजगढ़ सीट सबसे अधिक चर्चा का विषय बनी हुई है। वजह है कि एक तो यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह है। दूसरी की उन्होंने यहां हो रही अव्यवस्थाओं की शिकायत की शिकायत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।

दरअसल, ईवीएम मशीन पर लगातार सवाल उठाने वाले कांग्रेस के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुनाव आयोग की कार्रवाई से बहुत नाराज चल रहे हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। कांग्रेस ने कहा है कि राजगढ़ की एसएलयू यानी सिंबल लोडिंग यूनिट स्ट्रॉन्ग रूम से गायब करा दी गई है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि इसे कलेक्टर के पास होना चाहिए था। लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें वापस लौटा दी है।

गायब हुई एसएलयू

कांग्रेस ने दावा किया कि राजगढ़ के स्ट्रॉन्ग रूम से एसएलयू गायब है। इस बात की जानकारी तब हुई जब कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह खुद स्ट्रॉन्ग रूम को विजिट करने गए। तब उन्होंने देखा कि वहां पर सिंबल लोडिंग यूनिट नहीं है। वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने दावा किया है कि एसएलयू को निर्वाचन आयोग के अधिकारी नहीं बल्कि कोई और लेकर गया है। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारी चुनाव आयोग से सिंबल लोडिंग यूनिट को लेकर ही शिकायत रही है। उन्होंने कहा कि गुना में कोर्ट के आदेश के बाद एसएलयू नहीं लौटाई तो वहां ठीक काम हुआ है लेकिन यहां राजगढ़ में गड़बड़ी की गई है।

चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश है कि एसएलयू को 45 दिन तक स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए। लेकिन राजगढ़ में ऐसा नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। हमारे प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्ट्रॉन्ग रूम को विजिट करने जाते है तो एसएलयू गायब मिलती है।

राजगढ़ से ही क्यों गायब हुई एसएलयू

त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें है लेकिन राजगढ़ की सीट पर ही एसएलयू को क्यों गायब किया गया है। इसी मामले को लेकर हम कोर्ट के पास पहुंचे है और मामले की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एमपी निर्वाचन आयोग कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहा है। ऐसे दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इलेक्शन कमीशन को यह स्पष्ट करना चाहिए की किसके इशारे पर चुनाव को दूषित किया जा रहा है।

चुनाव आयोग अध्यक्ष ने दी सफाई

कांग्रेस के आरोप पर चुनाव आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट का आदेश के अनुसार ही कार्य किया गया है। कोर्ट ने कहा कि जहां 1 मई के पहले कमीशनिंग हुई है। वहां, एसएलयू इंजीनियर्स को वापस की जाएगी। बाकि जहां एक मई के बाद कमीशनिंग हुई है वहां 45 दिनों तक रखी जाएगी। बात की जाए राजगढ़ की तो यहां कमीशनिंग 28-29 अप्रैल को हुई थी। इसके चलते 7 मई को वोटिंग होने के बाद 8 मई को एसएलयू इंजीनियर्स को मशीनें लौटा दी गई।

बारबार स्ट्रॉन्ग रूम में जा रहे दिग्विजय

ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम में रखने के बाद प्रत्याशी लगातार वहां पर जा रहे हैं। इस दौरान उनसे पूछा गया कि वे बारबार स्ट्रॉन्ग रूम में क्यों जा रहे हैं क्या उनको सरकार पर भरोसा नहीं है। इस पर दिग्विजय सिंह बोले कि वहां जाना मेरा हक है।

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