इजरायल के खिलाफ मिस्र पहुंचा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, नेतन्याहू की मुश्किल बढ़ी
काहिरा
गाजा में हमास के खिलाफ जारी जंग के बीच मुस्लिम देश मिस्र ने इजरायल के खिलाफ दुनिया की सर्वोच्च अदालत में जाने का फैसला किया है। मिस्र ने रविवार को कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल के खिलाफ दायर दक्षिण अफ्रीका के मामले में समर्थन के लिए हस्तक्षेप करेगा। मिस्र के इस कदम ने इजरायल के साथ उसके बढ़ते कदम को दुनिया के सामने खुलकर ला दिया है। मिस्र के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि राफा में बड़ा अभियान इजरायल के साथ उसके दीर्घकालिक समझौतों और सुरक्षा पर सहयोग की भूमिका पर फिर से विचार करने को मजबूर करेगा।
रॉयटर्स ने मिस्र के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि दक्षिण अफ्रीका के केस के में हस्तक्षेप की घोषणा गाजा में नागरिकों के खिलाफ इजरायली उल्लंघनों की मात्रा में विस्तार के चलते आई है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि यह हस्तक्षेप किस प्रकार का होगा। मिस्र ने इसके पहले इस मामले में अपनी दलीलें पेश की हैं। मिस्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंचने से इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की मुश्किल बढ़ सकती है। खासतौर पर जब राफा में अभियान के उनके फैसले को लेकर दुनिया में विरोध बढ़ रहा है।
मिस्र ने बताया जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन
इजरायली मीडिया पोर्टल यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र ने कहा कि गाजा पर इजरायल के हमलों में नागरिकों जानबूझकर निशाना बनाना, बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जबरन विस्थापन के चलते गाजा में अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा हो गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ये कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवीय कानून और युद्ध के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में 1949 के चौथे जिनेवा कन्वेंशन का घोर उल्लंघन है।'
मिस्र का बयान दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख करने के दो दिन बाद आया है, जिसमें उसने कोर्ट से इजरायल को राफा में अपना अभियान रोकने का आदेश देने की मांग की है। दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कहा, 15 लाख लोगों और अन्य के लिए राफा के अलावा भागने के लिए कोई जगह नहीं है। गाजा का बड़ा हिस्सा मले में तब्दील हो चुका है। अगर राफा को भी इसी तरह नष्ट कर दिया जाता है तो इस क्षेत्र में फिलिस्तीनी जीवन के बच पाने की बहुत कम संभावना होगी।
हमास ने किया मिस्र के कदम का स्वागत
गाजा पर नियंत्रण रखने वाले चरमपंथी फिलिस्तीनी संगठन हमास ने आईसीजे पर मिस्र के फैसले का स्वागत किया है। हमास ने एक बयान में कहा, 'हम दक्षिण अफ्रीका गणराज्य द्वारा दायर मुकदमे में शामिल होने के इरादे की सहयोगी अरब गणराज्य मिस्र की घोषणा की तारीफ करते हैं।' इजरायल ने राफा में अपना अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी यह सीमित मात्रा में है। राफा हमास का गाजा में आखिरी बचा गढ़ है। इस समय यहां 15 लाख फिलिस्तीनी शरण लिए हुए हैं।