अफजाल अंसारी की किस्मत का फैसला आज! एक ओर नामांकन की तैयारी, दूसरी ओर कोर्ट में सुनवाई
गाजीपुर
यूपी की गाजीपुर सीट से अफजाल अंसारी आज नामांकन करने वाले हैं। इसके साथ ही उन्हें मिली चार साल की सजा से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज ही सुनवाई होगी। अफजाल चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं यह हाईकोर्ट से आज आने वाले फैसले पर निर्भर है। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होनी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसद अफजाल अंसारी को यदि आज हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली, उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो वह चुनाव लड़ नहीं सकेंगे। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट से गैंगस्टर केस में चार साल की सजा मिल चुकी है। अफजाल अंसारी ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। अफजाल ने इस सजा को रद्द किए जाने को लेकर अपील दाखिल की है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार ने अफजाल की सजा को चार साल से बढ़ाए जाने की मांग करते हुए अलग से अर्जी दाखिल की है।
हाईकोर्ट आज इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने वाला है। अफजाल को गैंगस्टर केस में गाजीपुर की एमपी एमएलए अदालत ने पिछले साल 29 अप्रैल को चार साल की कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। अफजाल के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया था। इसमें कोर्ट ने अफजाल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
बेटी नुसरत को लेकर चर्चा
अफजाल अंसारी केस में सुनवाई के मद्देनज़र गाजीपुर से लेकर लखनऊ तक राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सवाल किया जा रहा है कि यदि हाईकोर्ट से अफजाल को राहत नहीं मिली तो उनका परिवार क्या करेगा? ऐसे में अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी अचानक से चर्चा में आ गई हैं। नुसरत पिछले कुछ दिनों से पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं। कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से यदि अफजाल के चुनाव लड़ने में बाधा आई तो नुसरत चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसा होने पर वह नामांकन कर सकती हैं।
क्या हुआ था
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत मंजूर की थी। लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई थी। इसके चलते उनकी संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल की सजा पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट से उनकी अपील पर 30 जून तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था। अब यदि हाईकोर्ट ने सजा बढ़ाई या फिर सजा को बरकरार रखा तो अफजाल अंसारी के चुनाव लड़ने में बाधा पड़ सकती है।