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अनंत सिंह के कसीदे पढ़ने लगे ललन सिंह, वो न्याय करते थे तभी लोग छोटे सरकार नाम से जानते हैं

पटना
लोकसभा चुनाव के बीच बाहुबली और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए है। इस बीच वो मुंगेर से जेडीयू प्रत्याशी और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह का समर्थन भी कर रहे हैं। और जनता से मिल रहे हैं। इस बीच उन्होने कहा कि ललन सिंह मुंगेर से 4 लाख वोटों से जीतेंगे। जिसके बाद अब ललन सिंह ने भी अनंत सिंह की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने कहा कि ये पूरा इलाका अनंत बाबू का है। यहां तो वैसे भी कम अन्याय होता था, अनंत बाबू न्याय करते थे। ये तो उनका इलाका है। इसलिए वो छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं। आज भी हैं, कल आपके बीच आए थे। तो मेरा भी फर्ज था इसलिए मैं भी आया है। इस दौरान अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी भी मंच पर मौजूद रही। नीलम देवी मोकामा से विधायक हैं। इस दौरान ललन सिंह ने लालू-राबड़ी पर हमला बोला। और कहा कि जब नवंबर 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी। उससे पहले का वक्त याद करिए, नया नौजवान लड़का वो सब दिन नहीं देखा है। जिनकी उम्र आज 25-26 साल है। वो तो उस वक्त 4-5 साल के रहे होंगे। उनको तो कोई अनुभव ही नहीं है। लेकिन जो बुजुर्ग लोग जानते हैं।

ललन सिहं ने कहा कि बुजुर्गों ने लालू और राबड़ी के राज को देखा है। जो जंगलराज और आतंक का राज था। कोई शाम के बाद घर से बाहर निकलना नहीं चाहता था। बहू-बेटी तो खास तौर पर बाहर निकलना नहीं चाहती थी। तब न बिजली थी, न सड़कें थी। जहां बिजली के तार थे, उन पर लोग कपड़े सुखाते थे। और कभी धोखे से बिजली आ गई, तो लोग ऐसे खुशी मनाते थे। कि मानो दिवाली हो। और जब चली जाती थी, तो कोई सोचता भी नहीं था कि बिजली अब कब आएगी।

आपको बता दें चुनाव के बीच अनंत सिंह का पैरोल पर 15 दिन के बाहर आना सियासत का मुद्दा बन गया है। महागठबंधन के नेता जेडीयू पर हमलावर है। कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह तो कह चुके हैं कि अनंत सिंह का चुनाव में इस्तेमाल करने के मकसद से उन्हें पैरोल पर निकाला गया है। पहले सरकार ने उन्हें फंसाया और अब उनका इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें  मुंगेर सीट पर 13 मई तक चुनाव होने तक अनंत सिंह बाहर ही रहेंगे। जिसके बाद से मुंगेर सीट की चर्चा और तेज हो गई है।

बीते रविवार 5 मई को अनंत सिंह पटना की बेऊर जेल से पैरोल पर 15 दिन के लिए रिहा हुए थे। अनंत सिंह की समर्थक सुबह से ही उनके स्वागत के लिए जेल के बाहर जमा हो गए थे। खराब सेहत और गांव में बंटवारे के चलते अनंत सिंह को पैरोल मिली है।

 

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