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श्रीसांवलिया सेठ के खुले भंडार, पहले दिन दान पात्र के 5 करोड़ 60 लाख रुपए की गिनती हो सकी.

 चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्णधाम श्रीसांवलिया सेठ का मासिक भंडार  एक बार फिर खोली गई. श्रीसावंलिया सेठ की दरबार के दान पात्र में पहले दिन नोटों की गिनती की गई. पहले दिन की गिनती में 5 करोड़ से अधिक नोटों की ही गिनती हो सकी. भंडार से निकले शेष नोटों की गिनती 9 मई से शुरू होगी.
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर भगवान श्री श्रीसांवलिया सेठ का भंडार खोला जाता हैं. राजभोग आरती के बाद मन्दिर मण्डल मण्डफिया के CEO राकेश कुमार, अध्यक्ष भैरु लाल गुर्जर की मौजूदगी में भंडार खोला गया. पहले दिन दान पात्र के 5 करोड़ 60 लाख रुपए की गिनती हो सकी.

गौरतलब है आज 8 मई को अमावस्या होने से भंडार से निकली राशि की गिनती नहीं होगी. शेष नोटों की गिनती 9 मई से शुरू होगी. प्रथम चरण की गिनती में मन्दिर मण्डल के सदस्य और विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने सुबह से लेकर शाम तक नोटों की गिनती की.

अमावस्या पर मंदिर में भीड़ के चलते आज नहीं होगी नोटों की गिनती

8 मई यानी आज अमावस्या होने से मन्दिर में श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने से भंडार से निकली राशि की गिनती करना संभव नही हो पाती हैं, ऐसे में भंडार खोलने के अगले दिन अमावस्या को  गिनती नहीं की जाती हैं. प्रथम चरण में नोटों की गिनती के बाद कल 9 मई से शेष नोटों की गिनती शुरू होगी.

9 मई को नोटों की गिनती के साथ दान में सोने-चांदी का होगा आकलन

9 मई को श्रीसांवलिया सेठ दरबार के दानपात्र से निकले नोटों के अलवा सोने-चांदी, ऑनलाईन दान राशि की गिनती होनी होगी. दानपात्र से करोड़ों रुपए निकले नोटों की गिनती के चरण 3-4 तक होते हैं. पहले दिन दान पात्र से निकाले गए नोटों की प्रथम चरण तक की गिनती हो सकी थी.  

गत माह 13 दिन में खोला गया था श्रीसांवलिया सेठ का दानपात्र

श्री सांवलिया सेठ का दरबार का दान पात्र गत माह 13 दिन में  खोला गया था. जिसमें 5 करोड़ 91 लाख व 14 किलो चांदी भी निकली थी. मालूम हो, हर माह श्रीसांवलिया सेठ का दानपात्र खोला जाता है. 9 मई को दान पात्र से निकले नोटों की गिनती दोबारा शुरू होगी.  

जलझूलनी एकादशी पर श्रीसांवलिया सेठ मंदिर में लगता है भव्य मेला

यूं तो श्रीसांवलिया सेठ के रोजाना हज़ारों श्रद्धालु मन्दिर के दर्शन करने आते हैं, लेकिन जलझूलनी एकादशी पर श्रीसांवलिया सेठ का तीन दिवसीय भव्य मेला का आयोजन होता हैं. इस दौरान यहां अलग-अलग मंच पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता हैं.

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