‘मैं गांधी परिवार का नौकर नहीं हूं…नेता हूं मैं’, अमेठी से प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने कहा- कांग्रेस से कोई तनख्वाह नहीं लेता हूं
अमेठी
कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट कहे जाने वाली अमेठी लोकसभा से गांधी परिवार के करीबी को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी बीच प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने कहा- मैं नेता हूं, गांधी परिवार की नौकरी नहीं कर रहा। कांग्रेस से कोई तनख्वाह नहीं लेता हूं। मैं शुद्ध रूप से नेता हूं। जब यहां आया था इनसे (स्मृति) बहुत बड़ी हैसियत रखता था। अब मैं ये कह रहा हूं कि स्मृति ईरानी को मैं भी हराऊंगा।
कौन हैं किशोरी लाल शर्मा?
गांधी परिवार की विरासत बचाने के लिए अमेठी के मैदान में उतरने वाले किशोरी लाल शर्मा पिछले 40 साल से गांधी परिवार की सेवा कर रहे हैं। यह भी कहा जा सकता है कि उसी सेवा का फल किशोरी अब मिला है। शर्मा पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं, इनको 1983 में पूर्व प्रधानमंत्री पहली बार अपनी प्रतिनिधि के रूप में अमेठी लेकर आए थे। इसके बाद से वह अमेठी और रायबरेली में गांधी परिवार के लिए हनुमान की भूमिका निभाते थे। फिलहाल शर्मा का अमेठी में सामना केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से होने वाला है, अब भाजपा को हराने का दावा पहले वह कर चुके हैं, लेकिन दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता तो 4 जून या कि परिणाम के दिन होगा।
किशोरी लाल अमेठी की सभी समस्याों को जानते हैं: प्रियंका
अमेठी रोड शो करते हुए कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि किशोरी लाल शर्मा अमेठी की सभी समस्याओं को जानते हैं। बीते 40 से साल में गांव-गांव, गली-गली की जो भी समस्या से सबसे परिचित हो चुके हैं। प्रियंका ने कहा कि शर्मा ने लगातार 40 साल के अमेठी की सेवा की है। इसी विश्वाश के साथ उनको इस बार लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई और सेवा कि राजनीति फिर से वापस लाना चाहती हूं।
मां की विरासत संभाल पाएंगे राहुल?
उधर पिछली बार लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद राहुल गांधी अब गांधी परिवार का इतिहास दोहराते हुए अब वह रायबरेली की सीट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले साल 2024 में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट राहुल के लिए छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ा था। बता दें कि राहुल की चुनावी यात्रा अमेठी से शुरू हुई थी। अब फिर से 20 साल बाद मां सोनिया गांधी ने इस सीट को छोड़ दिया और राहुल यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।