ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का टेंडर अब जून में खुलेगा, NHAI ने पांचवीं बार बढ़ाई तारीख
आगरा.
ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के टेंडर की तारीख को पांचवीं बार बढ़ाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की टीम अब 12 जून को एक्सप्रेसवे का टेंडर खोलेगी। छह लेन का एक्सप्रेसवे बनने से आगरा से ग्वालियर पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगेगा। 3841 करोड़ रुपये से बन रहे एक्सप्रेसवे के निर्माण में ढाई साल लगेंगे। प्रदेश में आगरा पहला शहर है, जहां तीन एक्सप्रेसवे होने जा रहे हैं। एनएचएआइ की टीम ने पांच जनवरी 2024 को टेंडर जारी किया था। 23 फरवरी को यह खुलना था लेकिन कंपनियों के रुचि न लेने के कारण इसकी तारीख को बढ़ा दिया गया। टीम ने मार्च और फिर 22 अप्रैल की तारीख कर दी। आदर्श आचार संहिता के चलते टेंडर नहीं खोला गया। अब टीम 12 जून को टेंडर खोलेगी।
एनएचएआइ द्वारा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के सहयोग से एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया की जा रही है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत मध्यप्रदेश के कुल 18 गांवों की 151 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें मुरैना जिले के 17 गांवों की 150 हेक्टेयर और ग्वालियर के सुसेरा में 1.317 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। आगरा के तहसील सदर व खेरागढ़ की 153 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
तारीख पर तारीख
- पांच जनवरी को टेंडर जारी कर इसे खोलने की तारीख 23 फरवरी तय की गई।
- 21 फरवरी को संशोधन कर तारीख को 29 फरवरी कर दिया गया।
- 27 फरवरी को फिर नोटिफिकेशन जारी कर आठ मार्च किया गया।
- छह मार्च को जारी नोटिफिकेशन में तारीख को बढ़ाकर 20 मार्च कर दिया गया।
- 18 मार्च को फिर एक आदेश जारी कर इसे 24 अप्रैल किया गया। 22 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर इसे सीधे डेढ़ माह के लिए बढ़ा दिया गया है।
स्वतंत्र इंजीनियरिंग सलाहकार कंपनी भी जून में होगी तय ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होने से पहले इसकी स्वतंत्र इंजीनियरिंग सलाहकार कंपनी का भी चयन किया जाना है। इसके लिए भी एनएचएआइ ने टेंडर जारी कर रखे थे, लेकिन आचार संहिता लगी होने के कारण इसे भी बार-बार आगे बढ़ाया गया। अब इस टेंडर को भी 12 जून को ही खोला जाएगा।
एक नजर में एक्सप्रेसवे
- 88.400 किमी होगी लंबाई
- 3841 करोड़ रुपये है लागत
- 33 किमी कम होगी ग्वालियर से आगरा की दूरी
- 05 लूप तैयार होंगे वाहनों के चढ़ने-उतरने के लिए
- 47 पुलिया, चार छोटे और पांच बड़े पुल तैयार होंगे
- 158 करोड़ रुपये की लागत से होगा भूमि अधिग्रहण