दौसा के पैतृक गांव में सूबेदार रामवीर सिंह गुर्जर की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन
दौसा.
पंजाब के नांभा पटियाला में 77 आर्म्ड रेजीमेंट में तैनात रामवीर गुर्जर का हृदय गति रुकने से देहांत हो गया। दौसा जिले के महवा उपखंड क्षेत्र के सलेमपुर थाना गांव निवासी शहीद रामवीर गुर्जर को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। 31 वर्षीय रामवीर गुर्जर नायक सूबेदार के पद पर तैनात थे। शुक्रवार को सैनिक सम्मान के साथ उनकी देह को पंचतत्व में विलीन किया गया।
सलेमपुर थाना निवासी रामवीर गुर्जर जो पटियाला में सेवा में कार्यरत थे। उनको को श्वास लेने में परेशानी आने पर सेना के साथी अस्पताल लेकर गए, लेकिन रास्ते में ही हृदय गति रुकने से उनका देहांत हो गया। इसकी सूचना उनके परजनों को की गई। सूचना मिलते ही परिजन सलेमपुर से पंजाब के नांभा शहर रवाना हो गए। रामवीर सिंह गुर्जर की पार्थिव देह को सेना के ट्रक से तिरंगे में लपेटकर सलेमपुर गांव लाया गया। पेट्रोल पंप से रामवीर की पार्थिव देव को शहीद रामवीर सिंह अमर रहे के जयकारों के साथ बाइक रैली के रूप में घर और अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाया गया। शहीद रामवीर सिंह 21 दिसंबर 2010 को अलवर में 77 आर्म्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र प्रधान ने महुवा उपखंड मुख्यालय उप तहसील मुख्यालय खेड़ला बुजुर्ग में स्मारक बनाने की घोषणा की। मौके पर ही जिला कलेक्टर दौसा को पत्र लिखकर राम सिंह की याद में स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की लिए पत्र लिखा।
उधर, रामवीर सिंह गुर्जर के पुत्र विष्णु गुर्जर ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। वहां मौजूद सेना के जवानों ने हवाई फायर कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद को सशस्त्र सलामी दी गई। नायक सूबेदार शहीद रामवीर सिंह गुर्जर के एक बेटा और दो बेटी हैं।