मोदी ने कहा: बेहतर कल के लिए आज सुदृढ़ बुनियादी ढांचे में निवेश किये जाने की जरूरत
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बेहतर कल के लिए आज सुदृढ़ बुनियादी ढांचे में निवेश किये जाने की जरूरत है। मोदी ने बुधवार को यहां छठे अंतरराष्ट्रीय आपदा-रोधी अवसंरचना सम्मेलन को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में हिस्सा लेने आये प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि उनकी भागीदारी आपदा मोचन से संबंधित बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण मुद्दे पर वैश्विक चर्चा और निर्णयों को मजबूत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में गठन के बाद से आपदा मोचन गठबंधन ने प्रभावशाली ढंग से कार्य किया है और अब यह 39 देशों तथा 7 संगठनों का वैश्विक गठबंधन बन गया है। उन्होंने कहा, “यह भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है।”
बढती प्राकृतिक आपदाओं को गंभीर विषय बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर इनके असर को आर्थिक नुकसान की दृष्टि से देखा जाता है लेकिन वास्तव में इसका सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव लोगों, परिवारों और समुदायों पर पडता है जिसे मापा नहीं जा सकता।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “हमें बेहतर कल के लिए आज सुदृढ़ बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपदा के बाद के पुनर्निर्माण का हिस्सा होने के साथ-साथ नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी सुदृढ़ता के पहलू पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि आपदाओं की कोई सीमा नहीं होती और इनका विश्व में व्यापक प्रभाव होता है। उन्होंने कहा, “समस्त विश्व सामूहिक रूप से तभी सुदृढ़ हो सकता है, जब प्रत्येक देश अपने आप में सुदृढ़ हो।” उन्होंने साझा जोखिमों के कारण सबको सशक्त बनाये जाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सीडीआरआई तथा यह सम्मेलन पूरी दुनिया को इस सामूहिक मिशन के लिए एक साथ आने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “साझा रूप से सशक्त होने के लिए, हमें सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना चाहिए।” आपदाओं के बहुत अधिक जोखिम वाले छोटे द्वीपीय विकासशील देशों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने ऐसे 13 स्थानों पर परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए सीडीआरआई कार्यक्रम का उल्लेख किया। उन्होंने डोमिनिका में प्रतिरोधी आवास, पापुआ न्यू गिनी में प्रतिरोधी परिवहन नेटवर्क और डोमिनिकन गणराज्य और फिजी में उन्नत प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का उदाहरण दिया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सीडीआरआई का फोकस ग्लोबल साउथ पर भी है।
मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान चर्चा के केंद्र में वित्तपोषण सहित एक नए आपदा जोखिम कार्य समूह के गठन को याद किया और कहा कि इस तरह के कदम सीडीआरआई के विकास के साथ-साथ दुनिया को एक लचीले भविष्य की ओर ले जाएंगे।