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कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने लोकल मुद्दों पर केंद्रित रखने बनाई राजस्थान से दूरी

टोंक/सवाई माधोपुर.

प्रदेश में लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण का प्रचार 24 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में पहले चरण के चुनावों बाद 2 सभाएं कर चुके हैं और तीसरी 23 अप्रैल को टोंक-सवाई माधोपुर में प्रस्तावित है लेकिन कांग्रेस की तरफ से दूसरे चरण के प्रचार के लिए राहुल-प्रियंका में से कोई राजस्थान नहीं आ रहा है।

चुनावों को लेकर इस बार कांग्रेस की रणनीति नेशनल बनाम लोकल की दिखाई दे रही है। बीजेपी जहां अपने राष्ट्रीय नेताओं को सीट-सीट घुमा रही है, वहीं कांग्रेस का प्रचार पूरी तरह स्थानीय नेताओं के हाथों में ही है। बीजेपी में पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है, वहीं कांग्रेस में राहुल-प्रियंका गांधी पहले चरण में भी प्रचार के लिए बहुत कम बार राजस्थान आए और दूसरे चरण में उनकी कोई सभा यहां प्रस्तावित नहीं है। दरअसल कांग्रेस यहां चुनावों को पूरी तरह लोकल मुद्दों पर केंद्रित रखना चाहती है। पहले चरण के चुनाव में वह इस रणनीति में सफल भी हुई है। चूरू का चुनाव कस्वां बनाम राजेंद्र राठौड़ ही रह गया। हालांकि बीजेपी ने इसे कस्वां बनाम मोदी बनाने की कोशिश जरूर की थी। इसी तरह दौसा में भी पीएम का रोड शो हुआ लेकिन यहां का चुनाव जाति और गौत्र पर सिमट गया। यहां कांग्रेस के मुरारी मीणा और बीजेपी के कन्हैयालाल मीणा के बीच मुकाबला है।

बिना चेहरे की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस
कांग्रेस इस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर बहुत कमजोर है और वह इस लोकसभा चुनावों में कोई फेस भी नहीं दे पाई। यहां तक की इंडी गठबंधन में भी पीएम का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। कांग्रेस का पूरा कैंपेन मोदी के विरोध में है। इसके उलट बीजेपी तीसरी बार हैट्रिक लगाने के दावे के साथ नरेंद्र मोदी को अगला प्रधानमंत्री प्रस्तावित कर रही है। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी मजबूत भी है लेकिन राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने उसे कड़ी टक्कर दी थी, ये बात भूलना नहीं चाहिए। 

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