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IVCA की नई समिति को भारत के जीवंत उद्यम पूंजी परिवेश की दिशा को आकार देने का काम सौंपा जाएगा

आईवीसीए ने 2024-2026 के लिए अपनी नई कार्यकारी समिति का किया चुनाव

IVCA  की नई समिति को भारत के जीवंत उद्यम पूंजी परिवेश की दिशा को आकार देने का काम सौंपा जाएगा

रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटा: रिपोर्ट

नई दिल्ली
उद्योग निकाय इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) ने 2024-2026 के लिए अपनी नई कार्यकारी समिति का चुनाव कर लिया है।

आईवीसीए ने  एक बयान में कहा, नई समिति को भारत के जीवंत उद्यम पूंजी परिवेश की दिशा को आकार देने का काम सौंपा जाएगा।

बयान के अनुसार, क्रिसकैपिटल के साझेदार एवं मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) एशले मेनेजेस को कार्यकारी समिति (ईसी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्रीनिवासन सुब्रमण्यम वाइस चेयरमैन होंगे।

मेनेजेस ब्लूम वेंचर्स के सह-संस्थापक एवं प्रबंध भागीदार कार्तिक रेड्डी का स्थान लिया है।

आईवीसीए की कार्यकारी समिति (ईसी) में 14 निर्वाचित सदस्य और सात सह-चयनित सदस्य तथा विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।

मेनेजेस ने कहा, '' आईवीसीए की नई कार्यकारी समिति निवेश में सुगमता लाने, पूंजी के घरेलू स्रोत जुटाकर क्षमता निर्माण तथा भारत में पूंजी को आकर्षित करने के प्रयासों को बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। 'अमृत काल' का मंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के मकसद से प्रमुख सुधारों के लिए मंच तैयार करता है। यह वैकल्पिक पूंजी परिवेश तंत्र विकास, निवेश प्रवाह तथा समग्र विकास को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक होगा।''

बयान के अनुसार, आईवीसीए में नए ईसी के सदस्य अमित जैन (एमडी एवं प्रमुख, कार्लाइल इंडिया एडवाइजर्स), करण भगत (संस्थापक, एमडी एवं सीईओ, 360 वन), नरेंद्र ओस्टावाल (एमडी एवं प्रमुख वारबर्ग पिंकस, इंडिया प्राइवेट इक्विटी), राजन आनंदन (प्रबंध निदेशक, पीक XV पार्टनर्स), विपुल रूंगटा (एमडी एवं सीईओ, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स), आशीष कोटेचा (साझेदार, बेन कैपिटल), मनीष केजरीवाल (संस्थापक एवं मैनेजिंग पार्टनर, केदारा कैपिटल) और वेंकटचलम रामास्वामी (वाइस चेयरमैन एडलवाइस समूह) हैं।

आईवीसीए एक गैर-लाभकारी, शीर्ष उद्योग निकाय है। यह भारत में वैकल्पिक पूंजी उद्योग और एक जीवंत निवेश परिवेश तंत्र को बढ़ावा देता है।

रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटा: रिपोर्ट

नई दिल्ली
विदेशी निवेशकों की कमजोर भावनाओं के बीच रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी (पीई) निवेश पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 16 प्रतिशत घटकर 3.67 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट 'कैपिटल फ्लक्स' में बताया कि भारतीय रियल एस्टेट में निजी इक्विटी (पीई) सौदों का आकार 2023-24 में घटकर 367.4 करोड़ अमरीकी डॉलर हो गया। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 435.8 करोड़ अमरीकी डॉलर था।

रियल एस्टेट में पीई प्रवाह 2019-20 में 513.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर, 2020-21 में 637.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 423.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।

एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शोभित अग्रवाल ने कहा, '' भारतीय रियल एस्टेट में पीई निवेश में गिरावट की प्रमुख वजह वैश्विक वृहद आर्थिक कारक और भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण विदेशी निवेशकों की कम गतिविधि रही।''

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में कुल निवेश में विदेशी पूंजी की हिस्सेदारी घटकर 65 प्रतिशत रह गई, जो उससे पिछले वित्त वर्ष में 76 प्रतिशत थी। पिछले वित्त वर्ष में कुल पूंजी प्रवाह में घरेलू निवेशकों द्वारा पीई निवेश की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत रही जो उससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 24 प्रतिशत थी।

 

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