भोजशाला के भीतर क्षेत्र में खोदाई कार्य अभी भी जारी, मिले हवन कुंड का हर एंगिल से हुआ मापन
धार
भोजशाला में 23वें दिन के सर्वे में शनिवार को हवन कुंड का मापन कार्य किया गया है। यहां के पत्थरों और उसकी बनावट के बारे में विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी हासिल की है, जबकि भोजशाला के भीतर क्षेत्र में खोदाई कार्य शनिवार को भी जारी रहा। बाहरी क्षेत्र में भी 10 ट्रेंच में कार्य किया गया। 50 मीटर के दायरे में फिर टीम पहुंची। इसमें कुछ मकान के निर्माण आदि को देखा गया है।
दोनों पक्ष के लोगों की मौजूदगी में होने वाले इस कार्य में दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे भी कर रहे हैं। टीम को हर दिन नई जानकारियां मिल रही हैं। शनिवार को लगातार सुबह से शाम तक सर्वे जारी रहा। इसमें भोजशाला के पीछे, दाएं व बाई ओर लगातार खोदाई जारी रही। कुछ दिनों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम के लीडर व विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक प्रोफेसर डाक्टर आलोक त्रिपाठी टीम के साथ नहीं थे। शनिवार को वे यहां पहुंचे।
गर्भ गृह के बाहर के क्षेत्र में जो खोदाई की गई। इसमें धीरे-धीरे गहराई बढ़ रही है। यहां पर विभाग द्वारा छह स्थान तय किए गए थे। इसमें से एक ही स्थान पर अभी कार्य चल रहा है। आगामी दिनों में अन्य पांच स्थानों पर भी इस कार्य को किया जा सकता है।
भोजशाला के मध्य हवन कुंड नुमा आकृति है, जिसे हिंदू समाज हवन कुंड कहता है। सर्वे टीम ने मुख्य रूप से हवन कुंड का मापन कार्य किया है। इस आकृति के बारे में व्यापक जानकारी ली गई है। यहां जो बनावट है, इसको लेकर फोटो भी लिए गए हैं। इसके अलावा इसकी गहराई व कुंड के पाषाण की खास बनावट की जानकारी को सर्वे टीम ने अपने रिकार्ड में दर्ज किया है।
विशेषज्ञ और मशीनों की जल्द ही होगी उपलब्धता
इधर सोमवार तक कुछ नए विशेषज्ञ भोजशाला पहुंच सकते हैं। इसमें अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ आ रहे हैं। साथ ही उनके साथ में आधुनिक तकनीक वाली कुछ मशीनें भी आ रही हैं। सर्वे में जिन मशीनों की बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उनके सोमवार या मंगलवार तक धार पहुंचने की उम्मीद की जताई जा रही है।