मध्यप्रदेश

फीस बढ़ाने फरवरी में पांच सदस्यों की बनाई समिति, मई अंतिम सप्ताह में होगी बैठक

इंदौर
 कोरोना संक्रमण के कारण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पांच साल बाद अपने पाठ्यक्रम की फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है। तक्षशिला परिसर स्थित यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (यूटीडी) से संचालित पाठ्यक्रम की आठ से दस फीसद फीस में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए फीस विनियामक समिति ने विभागों से प्रत्येक पाठ्यक्रम की फीस का विवरण मांगा है। यह प्रस्ताव 20 दिनों यानी 30 अप्रैल तक समिति को भिजवाना है। उसके आधार पर समिति बैठक कर फैसला लेगी। अधिकारियों के अनुसार बैठक मई के अंतिम सप्ताह में होगी।

तक मांगे प्रस्ताव
वर्ष 2019 में विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम की ट्यूशन फीस में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी की। 2020 में महामारी को फैलने से रोकने को लेकर देशभर में लाकडाउन लगा। इस दौरान कई परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी। विश्वविद्यालय ने इसे ध्यान में रखते हुए 2020-2021 और 2020 में फीस शेड्यूल को लेकर बदलाव नहीं किया। बीते साल अधिकांश विभागाध्यक्षों ने फीस संबंधित प्रस्ताव नहीं भेजा था।
फरवरी में विश्वविद्यालय ने फीस विनियामक समिति बनाई है, जिसमें आइईटी डायरेक्टर डा. संजीव टोकेकर, आइआइपीएस निदेशक डा. बीके त्रिपाठी, स्कूल आफ सोशल साइंस की विभागाध्यक्ष डा. रेखा आचार्य, वित्त नियंत्रक और विकास विभाग के प्रभारी को सदस्य बनाया है। मार्च में पहली बैठक बुलाई और फीस बढ़ाने पर जोर दिया। विभागाध्यक्षों से फीस संबंधित प्रस्ताव मांगे हैं।

28 विभागों में 130 पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय के तक्षशिला परिसर में 28 विभागों बने हैं। यहां से संचालित होने वाले 130 स्नातक-स्नातकोत्तर औ़र इंटीग्रेटेड कोर्स हैं। लगभग 18 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं, मगर नया फीस शेड्यूल 2024-25 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू होगा। प्रत्येक विभाग को प्रवेश प्रक्रिया से पहले फीस के बारे में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नई दरों का उल्लेख करना होगा।

कार्यपरिषद में लगेगी मुहर
अधिकांश विभाग घाटे में होने के कारण फीस बढ़ाने पर राजी हैं। विभागों से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति की बैठक होगी। बाद में फीस वृद्धि पर कार्यपरिषद की मुहर लगेगी। फिर नया फीस शेड्यूल लागू होगा। अधिकारियों के अनुसार 2018 में आठ से दस फीसद फीस बढ़ाने का नियम बना था। उसके ऊपर फीस में वृद्धि करना मुमकिन नहीं है। वैसे कार्यपरिषद प्रस्ताव में संशोधन भी कर सकती है।

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