सुबह को शारीरिक और मानसिक स्वच्छता के लिए डिटॉक्स टिप्स
सुबह सबसे पहले शरीर को डिटॉक्स (शरीर की सफाई का तरीका) करने की कोशिश करें। हानिकारक चीज़ों को बाहर निकालने का एक बड़ा ही आसान तरीका है डिटॉक्सिफिकेशन। अक्सर इसे भूल जाते हैं। सुबह खाली पेट एक गिलास सामान्य पानी या एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पी लें। शरीर को शुद्ध करने के लिए पानी एक बहुत ही बेहतरीन पेय है।
ज्यादा फायदे के लिए करें ये काम
अगर ज्यादा फायदा चाहिए तो रात में किसी शीशे के जार में 2 लीटर पानी में 2 नींबू को छिलके समेत काटकर डाल दें। साथ में खीरा भी डाल सकते हैं। सुबह छान लें। फिर इसे दिनभर पीते रहें। इससे शरीर दिनभर डिटॉक्स होता रहेगा। वैसे सुबह खाली पेट सलाद खाने से भी शरीर डिटॉक्स होता है। इनमें 90 फीसदी से ज्यादा पानी और फाइबर होता है।
ग्रीन टी-लेमन टी से भी बचें
इसे भी समझें कि सुबह खाली पेट ग्रीन टी या लेमन टी आदि को भी खाली पेट लेने से बचना चाहिए। सुबह डिटॉक्स करने से लिवर, किडनी, फेफड़े, हार्ट सभी अंग को फायदा होता है। रात में 7 से 8 बजे तक खाने के बाद दूसरे दिन सुबह 8 बजे के बाद ही कुछ भी खाना चाहिए।
कम से कम 12 घंटे का गैप रखना जरूरी है। इस दौरान शरीर अपनी मरम्मत करता है। नए सेल बनाता है। अगर किसी से 12 घंटे की लगतार फास्टिंग मुमकिन न हो तो इसकी शुरुआत 8 घंटे से करे। फिर धीरे-धीरे आगे बढ़े। अगर फास्टिंग से परेशानी हो डॉक्टर से सलाह लें।
हर दिन करें वॉक, एक्सरसाइज़, योगासन
रोज़ 45 मिनट से 1 घंटे तक का ब्रिस्क वॉक या फिर कोई भी एरोबिक्स एक्सरसाइज करनी चाहिए। पैदल चलने की आदत डालें। जब तक पैर चलेंगे, शरीर के तमाम अंग भी सही तरीके से चलते रहेंगे।
इसके साथ ताड़ासन, त्रिकोणासन, सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन
, धनुरासन, शशकासन आदि करें। स्ट्रेचिंग के लिए योग आसन बहुत अच्छे हैं। अलग-अलग आसन नहीं करना चाहते या वक्त की कमी है तो सूर्य नमस्कार ही कर लें। इनके अलावा 5 मिनट के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम ज़रूर करें।
डांस करना है जरूरी
अगर ये सब करने का मन न हो तो हफ्ते में 3 से 4 दिन 15 मिनट के लिए अपनी पसंद के गाने लगाएं और फिर अपने ही स्टाइल में डांस करें। बच्चे हों या बड़े, कोई भी आउटडोर गेम ज़रूर खेलें। शारीरिक श्रम के जरिए शरीर से पसीने का निकलना जरूरी है। अगर बुजुर्ग हैं तो यह कहने से काम नहीं चलेगा कि अब उम्र हो गई, चला नहीं जाता। जितना चल सकते हैं, उतना जरूर चलें।
मुमकिन हो तो 30 से 35 मिनट वॉक और 15 से 20 मिनट की एक्सरसाइज ज़रूर करें है। यह सिर्फ शरीर को ऐक्टिव रखने के लिए नहीं बल्कि शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भी जरूरी है। अगर कोई शख्स 60 साल के बाद भी डंबल के साथ एक्सरसाइज़ और अपनी क्षमता अनुसार पुशअप्स लगा पाता है तो यह मान लें कि उस शख्स को शुगर या कोलेस्ट्रल की परेशानी शायद ही हुई हो।
डीप ब्रीदिंग का कमाल
वैसे वजन उठाने वाली एक्सरसाइज़ करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हर दिन 5 मिनट के लिए डीप ब्रीदिंग (गहरी सांस लेना) करें। यह फेफड़ों के लिए बहुत अच्छी है। इन सभी से वजन काबू में रहता है। ओवरवेट होने पर शरीर के तमाम तंत्रों पर बुरा असर पड़ता है जो इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बनाता है। वॉक करें, लेकिन इससे भी जरूरी चीज़ है एक्सरसाइज़। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। मजबूत मांसपेशियां शरीर की क्षमता को बढ़ाती है।
नाश्ते में सलाद है सबसे बढ़िया
सुबह की पहली बाइट लेने की बात हो तो सलाद एक बेहतरीन विकल्प है। यह जहां विटामिन-मिनरल की कमी नहीं होने देता, वहीं फाइबर का भी सबसे अच्छा जरिया है।
सलाद, सब्जी में भरपूर फाइबर
हमारे लिए जितने अहम विटामिन और मिनरल हैं, उतने या फिर कुछ मामलों में तो उनसे भी कहीं ज्यादा फायदेमंद फाइबर हैं जो एल्केलाइन होते हैं। ये भोजन को पचाने में तो मदद करते ही हैं, साथ ही गैस, ब्लोटिंग, अपच जैसी परेशानियों को दूर करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
फाइबर के अच्छे सोर्स में कच्ची खाने वाली चीज़ें, जैसे: सलाद (खीरा, चुकंदर, गाजर, धनिया पत्ता), पकाकर खाने वाली सब्जियां: भिंडी, पालक, लौकी, परवल, सहजन, करेला, कटहल आदि। इनके अलावा फलों में: अमरूद, पपीता, केला, सेब, संतरा, आम आदि। लेकिन फल, सलाद, सब्जी मौसम के मुताबिक लें।
फाइबर के सेवन से हार्ट भी हेल्दी रहता है। यह बैड कलेस्ट्रल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह शुगर के लेवल को सही बनाकर रखने के भी काम आता है।
कितनी मात्रा में हर दिन लें सलाद
सलाद में मौसम में मुताबिक मिलने वाली कच्ची सब्जियां लें। जैसे आजकल: ककड़ी, खीरा, चुकंदर, टमाटर, धनिया पत्ता आदि। इन्हें 500 ग्राम तक आराम से खाया जा सकता है। अगर किसी को एसिड रिफ्लक्स की परेशानी हो, गैस हो और वह हर दिन चाय या कॉफी लेता है तो उसे 10 दिनों के लिए इन्हें बंद कर, सुबह शरीर डिटॉक्स करने के बाद सलाद खाना चाहिए। कुछ दिनों में फर्क जरूर पता चलेगा।
अगर किसी को पेठे का रस पीना अच्छा लगता है तो वह एक गिलास पेठे का रस भी पी सकता है। पेट को एल्केलाइन रखने और फाइबर्स के लिए यह बेहतरीन जरिया हो सकता है। अगर सुबह सलाद न मिले तो डिटॉक्स करने के बाद अमरूद, पपीता, सेब आदि भी खा सकते हैं। खाली पेट साइट्रस फ्रूट्स (संतरा, मौसमी आदि) खाने से बचना चाहिए। इससे एसिडिटी मुमकिन है। कुछ लोग सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाते हैं। इन्हें भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए। इनसे भी पहले सलाद लेना सही रहेगा।