स्वस्थ-जगत

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की शुरूआती रिसर्च में खुलासा

नई दिल्ली

एक नए अध्ययन के अनुसार जो लोग रोजाना 8 घंटे से कम समय खाते हैं उनमें दिल की बीमारी  से मरने का खतरा ज्यादा होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की बैठक में पेश की गई यह शुरुआती रिसर्च बताती है कि जो लोग एक खास समय में ही खाते हैं, उनकी दिल की बीमारी से मौत का खतरा ज्यादा होता है, उनकी तुलना में जो लोग 12 से 16 घंटे के बीच खाते हैं।

समय-समय पर थोड़े समय में खाना, जिसे आम भाषा में इंटरमिटेंट फास्टिंग कहते हैं, उसमें आप एक दिन में कुल 24 घंटों में से सिर्फ 4 से 12 घंटे ही खाते हैं। अध्ययनकतार्ओं ने पाया कि ज्यादातर लोग जो इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं वो सिर्फ 8 घंटे की अवधि में खाते हैं और बाकी 16 घंटे फास्टिंग करते हैं। पहले की रिसर्च में पाया गया था कि समय-समय पर कम अवधि में खाना दिल से जुड़ी कई चीजों को, जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को ठीक रखने में मदद करता है। अध्ययन के मुख्य लेखक विक्टर वेन्जे झोंग, जो शंघाई जियाओ तुंग यूनिवर्सिटी स्कूल आॅफ मेडिसिन में महामारी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हैं, ने कहा कि हाल के कुछ सालों में रोज कम समय में खाना, जैसे सिर्फ 8 घंटे, वजन कम करने और दिल को ठीक रखने के लिए काफी प्रचलित हुआ है। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि समय-समय पर कम खाने के सेहत पर लंबे समय तक क्या असर होते हैं, जैसे किसी भी बीमारी से या दिल की बीमारी  से मरने का खतरा, ये अभी पता नहीं है।

अध्ययन में क्या पाया गया
जो लोग सिर्फ 8 घंटे के अंदर खाते थे उनमें दिल की बीमारी से मरने का खतरा 91% ज्यादा था। दिल की बीमारी  या कैंसर से पीड़ित लोगों में भी कम अवधि में खाने से दिल की बीमारी से मरने का खतरा ज्यादा पाया गया। जिनको पहले से दिल की बीमारी थी उनमें 8 से 10 घंटे के बीच खाने से दिल की बीमारी या स्ट्रोक से मरने का खतरा 66% ज्यादा था। समय-समय पर कम खाने से कुल मिलाकर किसी भी बीमारी से मरने का खतरा कम नहीं हुआ। कैंसर से पीड़ित लोगों में 16 घंटे से ज्यादा खाने से कैंसर से मरने का खतरा कम पाया गया। झोंग ने कहा कि हमें ये जानकर आश्चर्य हुआ कि जो लोग 8 घंटे के समय में खाते थे उनमें दिल की बीमारी  से मरने का खतरा ज्यादा था। भले ही ये तरीका कम समय में फायदेमंद हो सकता है, हमारी रिसर्च साफ बताती है कि रोजाना 12 से 16 घंटे खाने के मुकाबले कम समय में खाना ज्यादा जीने से जुड़ा नहीं है।

 

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