राजनीति

मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने राजनीतिक पार्टी बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया

नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने राजनीतिक पार्टी बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने को लेकर खरगे द्वारा भाजपा पर तंज कसे जाने के एक दिन बाद केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए।

अनुच्छेद 370 हटने से क्या फर्क पड़ता
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राजस्थान में कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से क्या फर्क पड़ता है। यदि कोई पार्टी कहती है कि कश्मीर के एकीकरण से अन्य राज्यों में उसे क्या फर्क पड़ता है तो यह स्पष्ट है कि देश की एकता और अखंडता के लिए हर किसी के द्वारा ली गई शपथ के लिए आपको (कांग्रेस को) कोई सम्मान नहीं है।'' भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 पर खरगे की टिप्पणी के बाद कांग्रेस, ‘जिसने राष्ट्रीय दल का दर्जा या अधिकार लगभग खो दिया है, अब नैतिक दृष्टिकोण से राजनीतिक दल होने का भी अधिकार खो चुकी है'।

जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब खुद को ‘क्षेत्रीय ताकतों का समूह' कह सकती है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को खरगे की टिप्पणी को ‘शर्मनाक' करार देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने कांग्रेस को यह भी याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर हर राज्य और नागरिक का अधिकार है, जैसे जम्मू-कश्मीर के लोगों का देश के बाकी हिस्सों पर अधिकार है। शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेताओं ने ‘एक्स' पर खरगे के भाषण की एक क्लिप साझा की, जिसमें उन्हें राजस्थान में अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में बात करने की वजह से सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए सुना जा सकता है। क्लिप में खरगे यह कहते सुने जाते हैं, ‘‘अरे भाई, यहां के लोगों से (इसका) क्या वास्ता है?'' कांग्रेस प्रमुख ने अनुच्छेद 370 की जगह अनुच्छेद 371 का गलत उल्लेख भी किया। जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया था। 

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