स्वस्थ-जगत

असली तरबूज का चयन करने के लिए सही तरीका

 तरबूज का सीजन चल रहा है। गर्मियों में इसे खाने से कई सारी बीमारियां दूर की जा सकती हैं। लेकिन लाल तरबूज के चक्कर में नकली चीज मत खा लेना। बाजार में तरबूज को लाल और ताजा दिखाने के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है। यह तरबूज दिखने में अच्छा होता है मगर मीठा नहीं होता। साथ ही इसके कारण कई बीमारियां हो सकती हैं।

तरबूज में लगाते हैं ये इंजेक्शन

FSSAI ने बताया कि तरबूज के अंदर इंजेक्शन से एरिथ्रोसिन केमिकल डाला जाता है। यह एक तरह की लाल डाई है जिसे मिठाई, कैंडी, ड्रिंक्स में मिलाया जाता है। सरकार ने फलों के अंदर इस खतरनाक डाई को मिलाने से मना कर रखा है।

मीठा ताजा तरबूज पहचानने का टेस्ट

​FSSAI के मुताबिक तरबूज को दो हिस्सों में बराबर काट लें। दोनों में से एक हिस्सा लें और रुई की एक छोटी बॉल बनाकर उसके लाल गूदे के ऊपर रगड़ें।

मीठे तरबूज की पहचान

अगर आपकी रुई पर किसी तरह का रंग नहीं चढ़ता तो यह तरबूज पूरी तरह से नेचुरल है। इसे पकाने के लिए किसी भी तरह का केमिकल इस्तेमाल नहीं किया गया है और इसके मीठे होने की संभावना सबसे अधिक है।

केमिकल से पके तरबूज की पहचान

अगर तरबूज पर रगड़ने के बाद रुई का रंग लाल हो जाता है तो इसे केमिकल से पकाया गया है। यह आपके खाने के लिए ठीक नहीं है और नुकसान कर सकता है।

लाल तरबूज हो सकता है नकली

 तरबूज का सीजन चल रहा है। गर्मियों में इसे खाने से कई सारी बीमारियां दूर की जा सकती हैं। लेकिन लाल तरबूज के चक्कर में नकली चीज मत खा लेना। बाजार में तरबूज को लाल और ताजा दिखाने के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है। यह तरबूज दिखने में अच्छा होता है मगर मीठा नहीं होता। साथ ही इसके कारण कई बीमारियां हो सकती हैं।

तरबूज में लगाते हैं ये इंजेक्शन

FSSAI ने बताया कि तरबूज के अंदर इंजेक्शन से एरिथ्रोसिन केमिकल डाला जाता है। यह एक तरह की लाल डाई है जिसे मिठाई, कैंडी, ड्रिंक्स में मिलाया जाता है। सरकार ने फलों के अंदर इस खतरनाक डाई को मिलाने से मना कर रखा है।

मीठा ताजा तरबूज पहचानने का टेस्ट

​FSSAI के मुताबिक तरबूज को दो हिस्सों में बराबर काट लें। दोनों में से एक हिस्सा लें और रुई की एक छोटी बॉल बनाकर उसके लाल गूदे के ऊपर रगड़ें।

मीठे तरबूज की पहचान

अगर आपकी रुई पर किसी तरह का रंग नहीं चढ़ता तो यह तरबूज पूरी तरह से नेचुरल है। इसे पकाने के लिए किसी भी तरह का केमिकल इस्तेमाल नहीं किया गया है और इसके मीठे होने की संभावना सबसे अधिक है।

केमिकल से पके तरबूज की पहचान

अगर तरबूज पर रगड़ने के बाद रुई का रंग लाल हो जाता है तो इसे केमिकल से पकाया गया है। यह आपके खाने के लिए ठीक नहीं है और नुकसान कर सकता है।

केमिकल से पके तरबूज खाने के नुकसान

पेट में एरीथ्रोसिन केमिकल जाने से उल्टी, पेट दर्द, दस्त, जी मिचलाना, भूख न लगना आदि समस्याएं हो सकती है। कुछ शोध बताते हैं कि लंबे समय तक इसका सेवन थायराइड की बीमारी बना सकता है।

तरबूज खाने के फायदे

तरबूज खाने से गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाव होता है। यह वजन मैनेज करता है और कैंसर का खतरा कम करता है। इसमें लाइकोपीन समेत कई सारे विटामिन-मिनरल होते हैं।

पेट में एरीथ्रोसिन केमिकल जाने से उल्टी, पेट दर्द, दस्त, जी मिचलाना, भूख न लगना आदि समस्याएं हो सकती है। कुछ शोध बताते हैं कि लंबे समय तक इसका सेवन थायराइड की बीमारी बना सकता है।

तरबूज खाने के फायदे

तरबूज खाने से गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाव होता है। यह वजन मैनेज करता है और कैंसर का खतरा कम करता है। इसमें लाइकोपीन समेत कई सारे विटामिन-मिनरल होते हैं।
 

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