राजनीति

RSS के सर्वेक्षण के अनुसार लोकसभा चुनाव में भाजपा 200 सीट भी नहीं जीत पाएगी : प्रियंक खरगे

कर्नाटक
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे ने शनिवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव में 200 सीट भी नहीं जीत पाएगी। खरगे ने सूखा राहत मांगने के लिए केंद्र को प्रस्ताव सौंपने में राज्य सरकार की ओर से देरी किये जाने से जुड़े बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर ‘‘झूठ बोलने'' का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि शाह को ‘‘गलत सूचना मंत्री होना चाहिए था।'' कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार पार्टी (भाजपा) को इस बार 200 सीट भी नहीं मिलेगी। संघ यह कह रहा है। राज्य में, वे आठ सीट के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाएंगे। वे कैसे जीतेंगे, जब (भाजपा में) 14-15 सीट पर आंतरिक लड़ाई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा के कुछ नेता) कह रहे हैं कि भाजपा (राज्य में) एक परिवार के कारण प्रदूषित है। वे कह रहे हैं कि वे भाजपा के मूल स्वरूप को फिर से कायम करना चाहते हैं।
 
क्या हम (कांग्रेस) ऐसा कह रहे हैं। नहीं, वे (भाजपा के नेता) ऐसा बोल रहे हैं। वे यह भी दावा कर रहे हैं कि भाजपा में बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, सी टी रवि, अनंतकुमार हेगड़े, ईश्वरप्पा जैसे हिंदुत्ववादी नेताओं के साथ अन्याय हो रहा है। वे आपस में लड़ रहे हैं, और कांग्रेस ने यह स्थिति पैदा नहीं की है।'' भाजपा का लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव में देश में 370 सीट जीतने का है जबकि पार्टी का दावा है कि देश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 400 सीट जीतेगी। प्रदेश में भाजपा का लक्ष्य लोकसभा की सभी 28 सीट जीतने का है।
 
खरगे ने शाह पर कर्नाटक को सूखा राहत के विषय में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ‘गलत सूचना मंत्री' होना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘क्या (राहत की मांग करते हुए) मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री के साथ बैठक झूठ है? क्या आईएमसीटी (अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम) का यहां आना और सर्वेक्षण करना तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करना झूठ है? क्या उसके बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बैठक करना और लिखित रूप से कर्नाटक के सूखा प्रबंधन प्रयासों की प्रशंसा करना झूठ है? यह क्या है, अमित शाह इतना झूठ क्यों बोल रहे हैं।''

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