मध्यप्रदेश

भोजशाला में 16 वें दिन सर्वे जारी, अब तक ASI टीम ने जुटाए कई सैंपल, खुदाई में मिलीं सीढ़ियां

 धार
भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन धार की भोजशाला एवं कमाल मौला मस्जिद में ASI सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है। आज सर्वे का 16वां दिन है.  केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन एएसआई की टीम द्वारा धार की भोजशाला का वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के 16 वें दिन शनिवार को एएसआई के अधिकारियों सहित पूरी टीम ने सुबह आठ बजे परिसर में प्रवेश किया। मजूदरों सहित हिंदू व मुस्लिम पक्षकार भी भोजशाला पहुंच चुके हैं।

कोर्ट के निर्देश पर भोजशाला का सर्वे शुरू हुए 15 दिन हो चुके हैं। 15 वें दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज होने के चलते 6 घंटे ही काम हो पाया था। ऐसे में आज 16वें दिन टीम के सदस्यों के पास पूरा समय है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप एएसआई को 6 सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को है। ऐसे में अब सर्वे के काम को गति मिलने की उम्मीद है।

टीम में अलोक कुमार त्रिपाठी, अपर महा निदेशक, पुरातत्त्व विभाग व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार सहित एएसआई के 25 सदस्य व 30 मजदूर शामिल हैं। सर्वे के काम के लिए लोहे की कंघी, प्लास्टिक की कंघी, प्लास्टिक के ब्रश, छोटी झाड़ू, छोटे-छोटे पाइप जैसे संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। वॉशिंग, क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ ही केमिकल की मदद भी ली जा रही है।

शुक्रवार को 13 स्थान टैंच से चिह्नित

सर्वे टीम ने शुक्रवार को भोजशाला के मुख्य भवन के आसपास 13 स्थानों पर टैंच से चिह्नित किया गया। अभी 3 स्थानों पर ही मिट्टी हटाने का काम हो रहा है। वकील रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि पश्चिमी दीवार पर जो पिलर बेस मिला था, उसकी वॉशिंग और क्लीनिंग हो गई। उत्तरी दीवार से सटी जो सीढ़ियां मिली थीं, अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां तहखाना मिलने की संभावना है। तीन सीढ़ियां एकदम स्पष्ट मिली।

ASI टीम सर्वे के दौरान जो उपकरण उपयोग में ला रही हैं, उसमें लोहे और प्लास्टिक की कंघी है। प्लास्टिक के ब्रश, छोटी झाड़ू भी है। जरूरत के हिसाब से फावड़े से खुदाई की जा रही है। छोटे-छोटे पाइप हैं, जिससे धुलाई भी की जा रही है। वॉशिंग, क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ ही केमिकल की मदद भी ली जा रही है।

पिलर बेस का नामकरण होगा

तीन दिन के दौरे पर आई हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री पूरे दिन अभिभाषक अग्निहोत्री अंदर रही थीं, उन्होंने पिलर बेस मिलने की पुष्टि करते हुए बताया था कि उसका नामकरण होगा, यह एएसआई ही तय करेगी उसका पीरियड क्या है! वह कार्बन डेटिंग से ही पता चलेगा। ऐसे में कार्बन डेटिंग के बाद कई चीजें स्पष्ट होने की उम्मीद है।

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