आरोपी ISI की मदद से भारत में आतंकी घटना का अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहे थे, UP ATS ने किये गिरफ्तार
गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के ATS ने एक वीरवार को दो पाकिस्तानी नागरिकों समेत तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये सभी आरोपी ISI की मदद से भारत में आतंकी घटना का अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहे थे।
वहीं, इस मामले को लेकर ATS का कहना है कि पिछले कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सहायता से नेपाल सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले हैं। यह भी आसूचना प्राप्त हुई कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं व आईएसआई के सहयोग से हिज्ब उल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं।
एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक व भौतिक सर्विलान्स करते हुए विकसित किया गया तो यह तथ्य प्रकाश मे आए कि दो पाकिस्तानी व्यक्ति भारत नेपाल सीमा के तटवर्ती गाँव शेख फरेन्दा होते हुए, गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं। आज दिनाँक 03 अप्रैल को एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर द्वारा, नेपाल-भारत (सोनौली बॉर्डर) से तीन अभियुक्तों 1- मोहम्मद अल्ताफ भट पुत्र खिजर मोहम्मद भट, निवासी मकान नम्बर 559, सादिकाबाद, रावलपिण्डी, पाकिस्तान 2- सैय्यद गजनफर पुत्र सैय्यद मोहम्मद सैय्यद, निवासी-तरामणि चौक इरफानाबाद, एफ-87, हाउस नम्बर 19, जामिया अली मुर्तजा मस्जिद, इस्लामाबाद, पाकिस्तान व 3- नासिर अली पुत्र गुलाम अहमद अली निवासी कराली पोरा हवल श्रीनगर जम्मू एन्ड कश्मीर, भारत को गिरफ्तार कर लिया गया ।
जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था
मोहम्मद अल्ताफ भट उपरोक्त ने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि उसका जन्म कश्मीर में हुआ था और कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मिलिटेन्ट के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया | अलताफ़ ने बताया कि वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर, पाकिस्तान का हिस्सा बने। इसी उद्देश्य से अलताफ़ ने पाकिस्तान पहुंचकर आईएसआई के निर्देशन मे हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैम्प में जेहादी प्राशिक्षण लिया । अलताफ़ ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय लोगों को अपनी तंजीम में जोड़ रहे हैं।
अलताफ़ हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर तथा अन्य जेहादी संगठनो के अमीर / उस्तादों की तकरीरें (भाषण) सुनकर उनसे प्रभावित हुआ | अलताफ़ ने हिजबुल के कैम्प में असलहों की ट्रेनिंग की व लम्बे समय तक कैम्प में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा-निर्देशन में काम किया। अलताफ़ को एचएम के मुजाहिदों से हिदायत मिली थी कि वो खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर, भारत में पहुंचें जहां पर उसे आगे के प्लान के बारे में बताया जायेगा। अलताफ़ को नेपाल के काठमाण्डू मे ही ISI के हैंडलर के बताए अनुसार नासिर उपरोक्त मिला जो मिला था जिसने अलताफ़ और गजनफर को फेक भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध करवाए और नासिर ने ही इन दोनों को शेख फरेन्दा गाँव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था।
नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है और व्हॉट्सअप के जरिए इसका सम्पर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई के सलीम नाम के व्यक्ति से हुआ था। सलीम ने नासिर को बताया कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेज रहा है, जो काठमाण्डु, नेपाल में मिलेंगे जिनहे लेकर उसे जम्मू-कश्मीर, भारत जाना है। इस संबंध मे मुअसं – 04/24, धारा 419/420/467/468/471/120बी/121ए भादवि 13 /18/38 विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम एवं 14 / 14सी विदेशी अधिनियम 1946, थाना-एटीएस, लखनऊ पर पंजीकृत कर गिरफ्तार अभियुक्तों को नियमानुसार माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।