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एयर इंडिया ने ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ कार्यक्रम में किए बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा

मारुति सुज़ुकी ने बनाये तीन करोड़ वाहन

एयर इंडिया ने 'फ्लाइंग रिटर्न्स' कार्यक्रम में किए बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा

जिंदल स्टेनलेस सितंबर तक जिंदल कोक में बेचेगी अपनी पूरी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी

नई दिल्ली
यात्री वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 3 करोड़ से अधिक वाहनों का संचयी उत्पादन करने की घोषणा की है।
इस उपलब्धि में कंपनी के गुरुग्राम, मानेसर (हरियाणा में) और हंसलपुर (गुजरात में) विनिर्माण संयंत्रों में किया गया उत्पादन शामिल है। दिसंबर 1983 में उत्पादन शुरू होने के बाद से रिकॉर्ड 40 वर्ष और 4 महीने में सभी सुज़ुकी उत्पादन बेस के बीच, भारतीय परिचालन यह उपलब्धि सबसे तेज गति से हासिल करने में सफल रहा।
जहां कंपनी के हरियाणा स्थित संयंत्रों में 2.68 करोड़ से अधिक वाहनों का निर्माण किया गया है, वहीं एमएसआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुज़ुकी मोटर गुजरात में 32 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन किया गया है।

देश में मोबिलिटी क्रांति की शुरुआत करने वाले प्रतिष्ठित एम800 ने 29 लाख से अधिक इकाइयों के साथ इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य शीर्ष योगदानकर्ताओं में ऑल्टो 800, ऑल्टो के10, स्विफ्ट, वैगनआर, डिज़ायर, ओमनी, बलेनो, ईको, ब्रेज़ा और अर्टिगा जैसे सफल मॉडल शामिल हैं।

कंपनी ने 1987 में निर्यात शुरू किया और आज भारत से कुल वाहन निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करती है।
इस उपलब्धि को ग्राहकों के प्यार और स्नेह को समर्पित करते हुए, मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ हिसाशी ताकेउचि ने कहा, "हम अपने ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने 1983 में विनिर्माण शुरू करने के बाद से साल दर साल हमारे उत्पादों के प्रति अपना विश्वास बनाए रखा है।

इन वर्षों में, हम अपने कार्यबल और मूल्य श्रृंखला भागीदारों के निरंतर सहयोग के साथ उत्पादन को अधिकतम बनाने में सक्षम हुए हैं, जिन्होंने हमें ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप उत्पाद बनाने में मदद की है। हम 'मेक इन इंडिया' के प्रति प्रतिबद्ध हैं और घरेलू और वैश्विक बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हुए देश में अपने संचालनों को सशक्त बना रहे हैं। हम भारत से कुल वाहन निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ताकेउचि ने कहा, “आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन बाजार है और आने वाले वर्षों में और मजबूत होने के लिए तैयार है। ग्राहकों की मांग और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, हम आगे निवेश करने और वित्त वर्ष 2030-31 तक अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता में 40 लाख वाहन तक की वृद्धि करने की योजना बना रहे हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए, हम खरखौदा-हरियाणा और गुजरात में दो नए ग्रीन फील्ड विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेंगे जिनमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 10 लाख होगी। हम वित्त वर्ष 2030-31 तक अपने मॉडलों की श्रृंखला को मौजूदा 18 से बढ़ाकर 28 तक कर देंगे।'

एयर इंडिया ने 'फ्लाइंग रिटर्न्स' कार्यक्रम में किए बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली,
 टाटा की अगुवाई वाली निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने सरल संरचना के साथ अपने ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ लॉयल्टी कार्यक्रम को लॉन्च किया है। यह प्रोग्राम भारत का पहला फ्रिक्वेंट फ्लायर कार्यक्रम है, जिससे एयर इंडिया के ग्राहकों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

एयर इंडिया ने बुधवार को ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि एक दशक से भी अधिक समय में ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ लॉयल्टी कार्यक्रम में पहली बार बदलाव किया गया है। हालांकि, एयर इंडिया ने मौजूदा सदस्यों की संख्या का खुलासा किए बिना कहा कि कार्यक्रम के सदस्य अब आज से शुरू होने वाली नई संरचना के आधार पर लाभ उठा सकेंगे और अंक एकत्र कर सकेंगे। एयर इंडिया के संशोधित कार्यक्रम में अब किसी ग्राहक द्वारा अर्जित अंकों की कोई समय-सीमा नहीं होगी।

एयर इंडिया के परिवर्तित फ्लाइंग रिटर्न्स लॉयल्टी प्रोग्राम का हिस्सा बनकर आप कई तरह के रिवॉर्ड का लाभ उठा सकते हैं। फ्लाइंग रिटर्न एयर इंडिया का लॉयल्टी प्रोग्राम है, जिसमें यात्री मील अथवा प्वाइंट कमा सकते हैं। एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्रा करने के दौरान यात्री इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इन प्वाइंट के जरिए आप एयर इंडिया एयरलाइन के भागीदार होटल-रेस्टोरेंट पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

जिंदल स्टेनलेस सितंबर तक जिंदल कोक में बेचेगी अपनी पूरी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी

नई दिल्ली
 जिंदल स्टेनलेस का लक्ष्य इस साल सितंबर तक जिंदल कोक में अपनी पूरी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का विनिवेश पूरा करने का है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि पहले चरण में उसने जिंदल कोक में 4.87 प्रतिशत शेयर 36.49 करोड़ रुपये से अधिक में बेचे हैं। इन शेयरों को जेएसएल ओवरसीज लिमिटेड ने उसी कीमत पर खरीदा था।

वहीं जिंदल स्टेनलेस ने स्पेन की इकाई लेबरजिंदल में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

कंपनी के निदेशक मंडल ने जनवरी में स्पेन स्थित अनुषंगी कंपनी इबरजिंदल एस.एल. में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण और इसकी अनुषंगी कंपनी जिंदल कोक लिमिटेड (जेसीएल) में 26 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने जेसीएल में 4.87 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए 26 मार्च, 2024 को जेएसएल ओवरसीज लिमिटेड (जेओएल) के साथ शेयर खरीद समझौता किया।

कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी ने 10 रुपये अंकित मूल्य के 15,80,000…इक्विटी शेयर को 231 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 36,49,80,000 रुपये में जेओएल को हस्तांतरित कर दिया है।’’

जेएसएल ने कहा कि यह लेनदेन 30 सितंबर, 2024 को या उससे पहले पूरा होने की उम्मीद है।

जेसीएल का 31 मार्च, 2023 तक कारोबार 1,993 करोड़ रुपये था।

 

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