नए आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने विभाग की कार्यशैली को बदलने के लिए कठोर कदम उठाये
भोपाल
मध्यप्रदेश में जब कोई नौकरशाह राज्य सरकार के खजाने की चिंता करने लगे तो समझ लीजिए कि, विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने लगा है, वरना आबकारी, खनिज, परिवहन उन विभागों में शुमार किये जाते है, जिन्हें काजल की कोठरी कहा जाता है। मतलब जो इन विभागों में रहता है, वह नौकरशाह चाहे या ना चाहे, सच हो या झूठ आरोपों से घिर जाता है। लेकिन आबकारी विभाग के इतिहास में पहली बार कुछ संकेत अच्छे मिले है, जिससे यह कहा जा सकता है कि, यह नवाचार का चक्कर नहीं है, यह एक ऐसा कदम है, जिसे भ्रष्टाचार के खिालाफ होते आ रहे असफल प्रयासों के बीच में एक ईमानदार कोशिश है।
सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग में पदस्थ नए आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने विभाग की कार्यशैली को बदलने के लिए कुछ ऐसे काम शुरू किए है, जिसकी चर्चा मंत्रालय की पाँचवी मंजिल में सुबह शाम होने लगी है। बताते है कि, अभिजीत ने सबसे पहले विभाग में 100 प्रतिशत डिजिटाईजेशन का काम पूरा कर लिया है, जिसके चलते अब आबकारी आयुक्त के टेबल में 15 अपै्रल 2024 से कोई भी फाईल मेन्युअली नहीं आएगी, अब प्रत्येक फाईल का निपटारा डिजिटली ई-फाईल के माध्यम से कर दिया जाएगा।
अभिजीत अग्रवाल के द्वारा आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि की खबर से भी हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा यह देखकर हैरान है कि, जिस विभाग में 3 से 5 प्रतिशत के राजस्व का ईजाफा प्रतिवर्ष हुआ करता था वहां इस वर्ष 12.5 प्रतिशत लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है। 931 समूहों के शराब की दुकानों में से मात्र 6 समूह की दुकानें इस खबर को लिखने तक नहीं उठी है, लेकिन आज दोपहर 4:00 बजे तक उपरोक्त 6 समूह की दुकानों को भी निलाम कर दिया जाएगा। और तो और इस वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व की आय 13,900 करोड़ एक चौंकाने वाला वाक्या है, क्योंकि यह आय पिछले 15 वर्षों के रिकार्ड को बे्रक करने वाला पहला मामला है जिससे विभाग नीचे से लेकर ऊपर तक गद्-गद है।