मध्यप्रदेश

लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 49 लाख नए मतदाता जुड़े, 7 सीटों पर निभाएंगे अहम् भूमिका

भोपाल
लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में करीब 49 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। युवा पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ये वो मतदाता हैं, जिनके नाम वोटर लिस्ट में 2019 लोकसभा चुनाव के बाद जोड़े गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में कुल करीब 5.14 करोड़ मतदाता थे। यह संख्या अब बढ़कर 5.63 करोड़ हो गई है।

18 से 23 की उम्र के मतदाता तय करेंगे हार-जीत

ये युवा मतदाता कम से कम सात संसदीय क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका रखते हैं। इस चुनाव में नए मतदाताओं की संख्या इन निर्वाचन क्षेत्रों में 2019 के चुनावों के जीत के अंतर से अधिक है। रतलाम जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में, 2019 के चुनाव में जीत का अंतर 90,636 था, लेकिन इस चुनाव में रतलाम में कम से कम 11.8% या 2,48,034 मतदाता हैं जिनकी आयु 18 से 23 वर्ष के बीच है।

इसी तरह गुना में 2019 की जीत का अंतर 1.25 लाख था। अब वहां 18-23 वर्ष के 2.25 लाख नए मतदाता हैं। खरगोन में भी जीत का अंतर दो लाख था। अब यहां 2.18 मतदाता हैं जो 18-23 आयु वर्ग में आते हैं। मुरैना में जीत का अंतर 1.1 लाख था, यहां 18-23 की उम्र के 1.83 लाख मतदाता हैं।

नए वोटर्स की संख्या कुल वोटर्स का 9 प्रतिशत

मंडला में ऐसे मतदाता 1.6 लाख हैं। यहां भी 2019 में जीत का अंतर 97674 था। छिंदवाड़ा में भी 2019 के चुनाव में जीत का अंतर केवल 37,536 था। अब यहां 18-23 आयु वर्ग के 1.23 वोटर्स हैं। ग्वालियर में 2019 में जीत का अंतर 1.46 लाख वोटों का था, वहां इस आयु वर्ग में 1.59 लाख मतदाता हैं।

राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों में से 13 में नए मतदाता यानी कि जो पहली बार मतदान करेंगे, उनकी संख्या कुल मतदाताओं की 9% से अधिक हैं। इन 13 निर्वाचन क्षेत्रों में से छह में ऐसे मतदाताओं की संख्या 10% से ऊपर है।

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