चीन ने तिब्बत पर कब्जे की मनाई 65वीं वर्षगांठ
हांगकांग.
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत की सीमा पर बसाए गए नए गांव में तिब्बत पर कब्जे की 65वीं वर्षगांठ का जश्न चीन ने मनाया है। गौरतलब है कि चीन भारत से सटी सीमाओं पर कई गांवों का निर्माण कर रहा है, जिसकी आड़ में चीन सैनिकों को क्षेत्र में बड़ी संख्या में तैनात किया जा रहा है। चीन ने तिब्बत को जिजैंग नाम दिया है। चीनी सैनिकों ने 1951 में तिब्बत पर कब्जा किया था।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पिछले गुरुवार को लोकतांत्रिक सुधार की 65वीं वर्षगांठ मनाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे क्षेत्र में कई भव्य समारोह और स्मारक गतिविधियां आयोजित की गईं है। इस दौरान भारत और भूटान की सीमा पर बने नए सीमावर्ती गांवों का जिक्र भी किया है।
चीन लगातार भारत-भूटान सीमा पर बसा रहा नए गांव
पिछले महीने हांगकांग स्थित एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों और सैनिकों को समायोजित करने के लिए नई इमारतों वाले तीन गांवों का निर्माण भूटान के साथ विवादित सीमा पर किया गया था। पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव बेहतर रहने की स्थिति प्रदान करने के लिए चीन की राज्य के नेतृत्व वाली गरीबी उन्मूलन योजना का हिस्सा थे, लेकिन वे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गढ़ के रूप में भी दोगुने हो गए। गौरतलब है कि चीन ने अब तक सीमा क्षेत्र में लगभग 624 गांव बनाए हैं।
जिजैंग के नए गांव आधुनिकता से भरपूर- यान जिनहाई
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी, जिजैंग स्वायत्त क्षेत्रीय समिति के उप सचिव और जिजैंग स्वायत्त क्षेत्र की पीपुल्स सरकार के अध्यक्ष यान जिनहाई ने 100 प्रतिशत ब्रॉडबैंड और 4जी सिग्नल के साथ क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर बोलते हुए कहा कि जिजैंग कायम रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक बंदोबस्त के साथ सेना की तैनाती को संतुलित करने और सीमा सुदृढ़ीकरण और विकास दोनों पर जोर दिया गया है।