मध्यप्रदेश

यूनेस्को में इस विरासत को शामिल करने की चल रही है कोशिश, अब तक हुए 60 प्रवासियों के हुए रजिस्ट्रेशन

इंदौर.
यूं तो इंदौर के ऐसे कई लोग हैं, जो बरसों पहले अपना शहर और देश छोड़कर अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, केन्या जैसे देशों में जा बसे। परंतु उनके दिल में इंदौर आज भी वैसा ही धड़कता है, जैसा तब धड़का करता था जब वे यहां रहते थे। यही कारण है कि भले ही पूरे वर्ष वे उस देश में रहें जहां बस गए हैं, किंतु त्योहार पर वे इंदौर लौट-लौट आते हैं।

प्रवासी इंदौरी अर्चना परसाई, अंशुल लाड़ और रवि परसाई
अब रंगपंचमी आ रही है और फिर इन प्रवासी इंदौरियों का मन रंगपंचमी का हुरियारा बनने के लिए हुलस उठा है। यही कारण है कि कई प्रवासी इंदौरी अबकी बार भी रंगपंचमी मनाने इंदौर आ रहे हैं। आने वाले प्रवासियों ने बातचीत की, तो उन्होंने अपनी तैयारियों और उत्सुकता को साझा किया।

अब तक हुए 60 प्रवासियों के रजिस्ट्रेशन
गेर में शामिल होने के लिए प्रवासी इंदौरी रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। अब तक 60 प्रवासियों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इनकी कुल संख्या शुक्रवार शाम तक साफ हो पाएगी। गेर में शामिल होने के लिए अफ्रीकी देशों से भी प्रतिनिधिमंडल आ रहा है। यूएई से हेमंत चौहान, रेणु चौहान, कनाडा से मोहित चौहान, यूके से मनमीत सिंह, दुबई से विशाल अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं।

चंद लोगों से लाखों तक पहुंचा रंग का रैला
रंगपंचमी पर प्रसिद्ध गेर की शुरुआत 75 वर्ष पहले मल्हारगंज से राजवाड़ा के बीच हुई थी। इस दौरान लोग रंग उड़ाते हुए काफिला बनाकर चलते थे। गिनती के चंद लोगों से शुरू हुआ यह सफर अब लाखों लोगों तक पहुंच चुका है।

जीवन को सेलिब्रेट करते हैं इंदौरी
प्रवासी इंदौरी अर्चना परसाई बीते 25 वर्षों से अमेरिका में रह रही हैं। हर बार की तरह इस बार भी वे रंगपंचमी की गेर में शामिल होने इंदौर आई हैं। अर्चना ने बताया कि रंगपंचमी केवल इंदौर में पूरे उल्लास से मनाई जाती है, इस कारण यह त्योहार तो यहीं मनाना बनता है।

वीडियो, फोटोज ने किया प्रभावित
अंशुल लाड़ बीते 14 वर्षों से अमेरिका के न्यूयार्क में रह रहे हैं। अंशुल ने बताया कि जब मैंने इंटरनेट मीडिया पर पहली बार इंदौर की गेर के वीडियो और फोटोज देखे, तो आश्चर्य से भर गया कि अपने शहर इंदौर की गेर अब इतनी भव्य और विराट हो गई है।

ला टोमाटिना जैसा गेर का आनंद
अमेरिका में रहने वाले रवि परसाई आठ वर्षों से वहां हैं। रवि ने बताया कि जब पूरे भारत में धुलेंडी वाले दिन होली खेली जाती है, वहीं केवल इंदौर में ही रंगपंचमी के दिन होली खेली जाती है। इंदौर की गेर की तुलना स्पेन के ला टोमाटिना फेस्टिवल से हो सकती है।

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