खेल-जगत

टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला को वित्तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी

नईदिल्ली

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पेरिस ओलंपिक 2024 की रेस से बाहर हो गए थे. बजरंग को पेरिस ओलंपिक क्वालिफायर्स के लिए आयोजित नेशनल सेलेक्शन ट्रायल्स में हार झेलनी पड़ी थी. टोक्यो ओलंपिक (2020) के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पूनिया को पहलवान रोहित कुमार ने 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भारवर्ग के सेमीफाइनल में हरा दिया था.

पूनिया को मिलेगी वित्तीय सहायता

पेरिस ओलंपिक की रेस से बाहर होने के बावजूद बजरंग पूनिया को खेल मंत्रालय वित्तीय सहायता देने जा रहा है. खेल मंत्रालय ने बजरंग पूनिया के वित्तीय सहायता प्रदान करने के अनुरोध को मंगलवार (26 मार्च) को मंजूरी दे दी. साथ ही उनके 'कंडीशनिंग कोच' काजी किरण मुस्तफा हसन का कार्यकाल भी मई के अंत तक बढ़ा दिया है.

खेल मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'मिशन ओलंपिक सेल (MOC) ने पहलवान बजरंग पूनिया के वित्तीय सहायता प्रदान करने तथा अपने कंडीशनिंग कोच काजी किरण मुस्तफा हसन का कार्यकाल मई के अंत तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. खेल मंत्रालय ने हालांकि यह नहीं बताया कि कितनी धनराशि मंजूर की गई है.

बजरंग पूनिया के अलावा खेल मंत्रालय ने टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला के ओलंपिक से पहले चीनी ताइपे में प्रैक्टिस करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के आग्रह को भी मंजूरी दी. एमओसी ने टेबल टेनिस खिलाड़ियों मानव ठक्कर और पायस जैन के लिए प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी.

बजरंग पूनिया भारतीय कुश्ती महांसघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल थे. बजरंग पूनिया ने पिछले दिनों यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को पत्र लिखकर WFI के खिलाफ एक्शन लेने की गुजारिश की थी. हालांकि इसके कुछ दिनों बाद ही UWW ने डब्ल्यूएफआई पर लगा बैन हटा दिया था.

26 जुलाई से होने जा रहा पेरिस ओलंपिक

बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था. तब पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 मात दी थी. बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था. हालांकि उसके बाद बजरंग पूनिया कुछ खास नहीं कर पाए हैं. हांगझोऊ एशियन गेम्स में भी बजरंग पूनिया को निराशा हाथ लगी थी. पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त तक खेला जाना है.

 

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