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भारतीय अर्थव्यवस्था नए वित्त वर्ष में सबसे तेज गति से विकास करेगी , S&P ग्लोबल ने बढ़ाया GDP का अनुमान

नई दिल्ली

 एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 40 आधार अंक बढ़ाकर 6.80 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में अगामी वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.40 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

ग्लोबल रेटिंग्स स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने जारी एशिया प्रशांत के लिए अपने ‘इकोनॉमिक आउटलुक’ में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी। पिछले साल नवंबर में रेटिंग एजेंसी ने भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि, यह चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.6 फीसदी वृद्धि दर के अनुमान से कम है।
2024-25 में 6.8% रहेगी GDP

एस एंड पी ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. हालांकि वित्त वर्ष 2025 – 26 और 2026-27 में 5 फीसदी दर से भारत के आर्थिक विकास करने का अनुमान जताया गया है. एस एंड पी ग्लोबल ने 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है लेकिन ये सरकार और सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी के अनुमान से कम है.      
महंगाई से डिमांड पर असर

एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट लुइस क्यूज्स (Louis Kuijs) ने कहा एशिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में हमारा मानना है कि भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम में तेज आर्थिक विकास देखने को मिलेगी. एस एंड पी के मुताबिक घरेलू डिमांड पर निर्भर रहने वाली अर्थव्यवस्थाएं जिसमें भारत, जापान और ऑस्ट्रालिया शामिल है वहां उच्च ब्याज दरों और महंगाई ने परिवारों के खर्च पर असर डाला है जिससे 2023-24 की दूसरी छमाही में आर्थिक विकास के ग्रोथ की रफ्तार कम हुई है.   
2024 में सस्ता होगा कर्ज

एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि 2024 कैलेंडर ईयर में भारत में 75 फीसदी प्वाइंट तक ब्याज दरों में कटौती देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महंगाई की रफ्तार धीमी पड़ रही है, वित्तीय घाटा  कम हो रहा और अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कमी करने पर भारत में भी आरबीआई के लिए ब्याज दरें घटाने को आधार बनेगा.

रेटिंग एजेंसी ने जारी ‘इकोनॉमिक आउटलुक’ में कहा कि एशियाई उभरती बाजार (ईएम) अर्थव्यवस्थाओं के लिए हम मजबूत वृद्धि का अनुमान लगाते हैं। इनमें भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम अग्रणी हैं। एजेंसी ने प्रतिबंधात्मक ब्याज दरों को आर्थिक विकास के लिए एक बाधा के रूप में चिह्नित किया है। एसएंडपी ने उम्मीद जताया कि 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले अगामी वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहेगी। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 5-5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

 

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