अस्सी वर्ष से अधिक के 4 लाख 10 हजार मतदाताओं को नहीं मिलेगी घर से मतदान की सुविधा
भोपाल
मध्यप्रदेश में इस बार होने जा रहे लोकसभा चुनावों में अस्सी वर्ष से अधिक और 85 वर्ष से कम उम्र के 4 लाख 10 हजार 473 बुजुर्गो को घर से मतदान करने की सुविधा नहीं मिलेगी दरअसल इस बार चुनाव आयोग ने होम वोटिंग के लिए बुजुर्गो की आयु सीमा अस्सी वर्ष से बढ़ाकर 85 वर्ष कर दी है इसके चलते यह बदलाव देखने को मिलेगा।
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव घोषित होंने के पहले एक जनवरी 2024 को संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण के समय प्रदेश में अस्सी वर्ष से अधिक के 7 लाख 9 हजार 537 मतदाता थे। इसमें 85 वर्ष से अधिक उम्र के 2 लाख 94 हजार 730 मतदाता थे। पिछले विधानसभा चुनाव के समय अस्सी वर्ष से अधिक सभी मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा प्रदान की गई थी। लेकिन अब भारत निर्वाचन आयोग ने नियमों में बदलाव करते हुए लोकसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को ही होम वोटिंग की सुविधा देने का निर्णय लिया है। 18 मार्च की स्थिति में मध्यप्रदेश में अस्सी वर्ष से अधिक उम्र के 6 लाख 99 हजार 976 मतदाता है। इनमें 85 वर्ष से अधिक उम्र के 2 लाख 89 हजार 503 मतदाता है। 85 वर्ष से अधिक उम्र के सभी मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा दी जाएगी। लेकिन 80 वर्ष से अधिक और 85 वर्ष से कम उम्र के 4 लाख 14 हजार 473 मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा नहीं दी जाएगी।
विकल्प चुनने पर ही मिलती है सुविधा
85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं, चालीस फीसदी से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा मिलती है। इसके लिए चुनाव से जुड़े कर्मचारी ऐसे मतदाताओं से संपर्क करते है। वे उन्हें घर से मतदान करने के लिए सुविधा लेने हेतु एक फार्म 12 डी भरवाते है। इसके बाद इस सुविधा का विकल्प भरने वाले मतदाताओं के घर पहुंचकर चुनाव से जुड़े कर्मचारी घर पर मतदान कराते है।