ब्रेन हेमरेज के लक्षण: पहचानें और उपचारें
ब्रेन हेमरेज एक जानलेवा स्थिति है जिसमें दिमाग में नसें फट जाती है और खून बहने लगता है. इस स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूर होती है, वरना गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु भी हो सकती है. हाल ही में ऐसा कुछ ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक जगत के जाने-माने गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव के साथ हुआ.
कुछ दिन पहले ही दिल्ली के अपोलो अस्पताल में सद्गुरु की ब्रेन सर्जरी हुई. यह जानकारी ईशा फाउंडेशन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉम एक्स पर जारी की गई. बताया जा रहा है कि सद्गुरु के दिमाग में सूजन आ गई थी और ब्लीडिंग हो गई थी, जिसके चलते उनकी ब्रेन सर्जरी हुई. फिलहाल, सद्गुरु काफी तेजी से रिकवरी कर रहे हैं.
ब्रेन हेमरेज में भी दिमाग के अंदर हो जाती है ब्लीडिंग
ब्रेन हेमरेज में भी दिमाग के अंदर नस फट जाने के कारण ब्रेन में ब्लीडिंग हो जाती है. ब्रेन हेमरेज किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम है. लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि ब्रेन हेमरेज होने वाला है? तो चलिए इसके लक्षणों पर एक नजर डालें.
ब्रेन हेमरेज लक्षण
– ब्रेन हेमरेज का सबसे आम लक्षण तेज सिरदर्द है, जो अक्सर अचानक और गंभीर होता है.
– ब्रेन हेमरेज के कारण उल्टी भी हो सकती है.
– मतली भी ब्रेन हेमरेज का एक लक्षण हो सकता है.
– चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नता या कमजोरी दिमाग के एक हिस्से को डैमेज पहुंचने का संकेत हो सकता है.
– धुंधली दृष्टि या दोहरी दृष्टि भी ब्रेन हेमरेज का लक्षण हो सकता है.
– चक्कर आना या संतुलन खोना भी ब्रेन हेमरेज का लक्षण हो सकता है.
– बोलने में परेशानी या शब्दों को समझने में कठिनाई भी ब्रेन हेमरेज का लक्षण हो सकता है.
– चेहरे का एक तरफ लकवाग्रस्त होना भी ब्रेन हेमरेज का लक्षण हो सकता है.
सद्गुरु को कुछ हफ्तों से हो रहा था सिरदर्द
दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ सलाहाकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनीत सूरी ने बताया कि सद्गुरु का पिछले चार हफ्तों से तेज सिर दर्द हो रहा था. हालांकि उन्होंने इसे नजरअंदाज किया और नॉर्मल दवाइयां लेकर अपने सारे काम करते रहे. डॉ. विनीत ने आगे बताया कि 15 मार्च को असहनीय दर्द की शिकायत के बाद उनका एमआरआई स्कैन हुआ, जिसमें दिमाग और सूजन और ब्लीडिंग का पता चला. इसके बाद उनकी ब्रेन सर्जरी हुई.
ब्रेन हेमरेज के रिस्क फैक्टर
– हाई ब्लड प्रेशर
– धूम्रपान
– डायबिटीज
– हाई कोलेस्ट्रॉल
– मोटापा
– ज्यादा शराब का सेवन
– कुछ दवाओं का सेवन