समर्पण भाव से सेवा में जुटे मुख्यमंत्री
भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने डॉ. मोहन यादव को सौ दिन हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने सरकार चलाने में सेवा और समर्पण की भावना दिखाई, वहीं उन्होंने जरुरत पड़ने पर सख्त प्रशासक की रूप में अपनी भूमिका निभाई। सौ दिनों के कम वक्त ने उनकी सरकार ने न सिर्फ मध्य प्रदेश की जनता की बीच में छाप छोड़ी है, बल्कि देश के कई राज्यों में उनके काम और योजनाओं का अनुसरण कर यह संदेश दिया कि मध्य प्रदेश की सरकार की योजनाओं को सारे देश में सराहा जा रहा है।
सख्त तेवर भी दिखाये
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासन चलाने के दौरान जरुरत पड़ने पर सख्त तेवर दिखाने से भी परहेज नहीं किया। उन्होंने शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल को यहां से इसलिए हटा दिया था कि उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर से अभद्रता से बात की। इस एक्शन से उन्होंने यह संदेश दिया कि अफसर कितना भी बड़ा यदि वह व्यवहार अच्छा नहीं रखेगा तो उसकी कलेक्टर जैसी कुर्सी भी छीनने में सरकार पीछे नहीं हटेगी। इसी तरह उन्होंने कुछ और उदाहरण भी अपनी सवा तीन महीने की सरकार में पेश किए।
एयर एम्बुलेंस समेत कई बड़ी उपलब्धियां
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इच्छाशक्ति से एयर एम्बुलेंस की सुविधा अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को मिलेगी। इलाज के लिए यदि जरुरी हुआ तो सरकार बीमार अथवा दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को एयरलिफ्ट कर समय पर उपचार की सुविधा भी मुहैया करवाएंगी। मध्य प्रदेश ने इन 100 दिनों में हर क्षेत्र में विकास की उड़ान भरी है। आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्होंने श्रीराम वन गमन पथ विकास के प्रयास तेज कर दिए, भगवान श्रीकृष्ण से मध्य प्रदेश से जुड़े स्थानों को धार्मिक स्थलों के रूप में विकसित करने की योजना।