उत्तर प्रदेश

लखनऊ में खुलेगा पहला जुरासिक पार्क, देख सकेंगे डायनासोर और किंग कॉन्ग

लखनऊ

 लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) जनेश्वर मिश्र पार्क के पांच एकड़ क्षेत्र में राज्य का पहला जुरासिक पार्क विकसित कर रहा है।

पार्क पूरा होने के अंतिम चरण में है। डायनासोर का मॉडल 55 फीट ऊंचा होगा और चार मीटर ऊंचा बोलने वाला पेड़ जुरासिक पार्क का हिस्सा होगा। पार्क में एक कैफेटेरिया भी बनेगा।

किंग कांग, गॉडज़िला, डायनासोर, मैमथ और अन्य जानवरों के बड़े मॉडल इस परियोजना का हिस्सा हैं। ये मॉडल सेंसर से लैस होंगे और आगंतुक उनकी सांस लेने और चलने के ध्वनि प्रभाव का आनंद लेंगे।

एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि इन मॉडलों के निर्माण में स्क्रैप, टायर और अन्य बेकार सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

विकास प्राधिकरण कैसरबाग क्षेत्र में ग्लोब पार्क और बेगम हजरत महल पार्क का भी सौंदर्यीकरण कर रहा है, जो दोनों लखनऊ के इतिहास में प्रतिष्ठित स्थान हैं।

ऐसा होगा नया पार्क
उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि जुरासिक पार्क में स्कल्पचर के निर्माण में गाड़ियों के स्क्रैप और टायर इत्यादि का प्रयोग किया जा रहा है. इसमें डायनासोर की विभिन्न प्रजातियों के रियल साइज माॅडल तैयार कराये जा रहे हैं, जिसमें डायनासोर का एक माॅडल 55 फुट तक ऊंचा होगा. पार्क के मेन इंट्री गेट की ऊंचाई लगभग 9 मीटर होगी और इस पर उड़ने वाले डायनासोर (टेरानोडाॅन) का माॅडल स्थापित किया जाएगा. पार्क में लगभग 4 मीटर ऊंचा टाॅकिंग-ट्री स्थापित किया जाएगा, जो दर्शकों का स्वागत करने के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा. पार्क के एक हिस्से में वाॅटर फाॅल और डायनासोर स्कल की आकृति वाली गुफा बनायी जाएगी. इसके अलावा यहां डायनासोर राइड भी की जा सकेगी, जोकि पार्क में आने वाले बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगी.

55 फीट ऊंचा होगा डायनासोर
जुरासिक पार्क में डायनासोर का मॉडल 55 फीट ऊंचा होगा और चार मीटर ऊंचा बोलने वाला पेड़ जुरासिक पार्क का हिस्सा होगा। पार्क में एक कैफेटेरिया भी बनेगा। किंग कांग, गॉडज़िला, डायनासोर, मैमथ और अन्य जानवरों के बड़े मॉडल इस परियोजना का हिस्सा हैं। ये मॉडल सेंसर से लैस होंगे और आगंतुक उनकी सांस लेने और चलने के ध्वनि प्रभाव का आनंद लेंगे। यह पार्क पूरा होने के अंतिम चरण में है।

स्क्रैप से बन रहा जानवरों का मॉडल

एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि इन मॉडलों के निर्माण में स्क्रैप, टायर और अन्य बेकार सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। विकास प्राधिकरण कैसरबाग क्षेत्र में ग्लोब पार्क और बेगम हजरत महल पार्क का भी सौंदर्यीकरण कर रहा है, जो दोनों लखनऊ के इतिहास में प्रतिष्ठित स्थान हैं।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button