वैशाख मास में जल का दान जरूर करें
इस माह में दो चतुर्थी, दो एकादशी के साथ ही अक्षय तृतीया
भोपाल RIN। 2021 का पांचवां महीना मई शुरू हो गया है। इस माह में दो चतुर्थी, दो एकादशी के साथ ही अक्षय तृतीया, अमावस्या और पूर्णिमा जैसी खास तिथियां आएंगी। इन तिथियों पर शास्त्रों में बताए गए व्रत-पूजा जैसे शुभ काम करने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं, ऐसी मान्यता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार अभी वैशाख माह चल रहा है। ये माह 26 मई तक रहेगा। इसके बाद ज्येष्ठ माह शुरू हो जाएगा। वैशाख मास में गर्मी काफी अधिक रहती है। इस वजह से इस माह में पानी का दान करने का विशेष महत्व है। कहीं प्याऊ लगवाएं या किसी प्याऊ में मटके का दान करें। प्याऊ में पानी की व्यवस्था करवा सकते हैं।
इस महीने की पहली एकादशी शुक्रवार, 7 मई को है। इसे वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाएगा। इस दिन बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं।
मंगलवार, 11 मई को वैशाख माह की अमावस्या रहेगी। इसे सतुवाई अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण आदि शुभ काम करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को अनाज दान में दें।
विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक अक्षय तृतीया शुक्रवार, 14 मई को है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी शादी की जा सकती है। इस तिथि पर परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। अक्षय तृतीया पर पानी से भरा कलश किसी प्याऊ में दान करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को छाता और जूते-चप्पल दान में दें। इसी दिन वृष संक्रांति भी रहेगी। सूर्य मेष से वृष में प्रवेश करेगा।
शनिवार, 15 मई को विनायकी चतुर्थी है। इस तिथि पर भगवान गणेश के लिए व्रत-उपवास करें और भगवान की विशेष पूजा करें।
मई महीने की दूसरी एकादशी शनिवार, 22 मई को रहेगी। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, श्रीकृष्ण का अभिषेक और पूजन करें।
मंगलवार, 25 से नवतपा शुरू होगा। इन दिनों गर्मी काफी अधिक रहती है। इसीलिए खान-पान और रहन-सहन में छोटी सी भी लापरवाही न करें। घर से बाहर निकलते समय लू से बचने के सभी उपाय जरूर करें।
भगवान बुद्ध की जयंती यानी बुद्ध पूर्णिमा बुधवार, 26 मई को मनाई जाएगी। इसी तिथि पर भगवान विष्णु का कूर्म अवतार भी प्रकट हुआ था। इस दिन वैशाख माह खत्म होगा। इस पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। अगर बाहर नहीं जा सकते हैं तो घर पर सभी तीर्थों का पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें।
गुरुवार, 27 मई से ज्येष्ठ माह शुरू हो जाएगा। शनिवार 29 मई को गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा।